दोस्ती और उधार-हास्य व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' September 18, 2025 व्यंग रचनाएं 2 Comments दोस्ती अमृत है, मगर उधार की चिपचिपाहट इसे छाछ बना देती है। वही दोस्त जो आपकी माँ का हाल पूछता था, अचानक आपकी क्रेडिट कार्ड… Spread the love
प्रेमी की कुण्डलियाँ -Premi ki kundaliyan Mahadev Prashad Premi September 17, 2025 Book Review 0 Comments यह संग्रह पाठकों को समर्पित है—उन सभी साहित्यप्रेमियों को, जो कविता को केवल मनोरंजन का साधन न मानकर जीवन-सत्य का आईना समझते हैं। प्रस्तुत संकलन…… Spread the love
नवरात्र : नई ऊर्जा और शक्ति जागरण का पर्व डॉ मुकेश 'असीमित' September 17, 2025 Important days 0 Comments नवरात्र केवल देवी उपासना का अवसर नहीं, बल्कि आत्मबल और चेतना जागरण का पर्व है। नौ रातें हमें याद दिलाती हैं कि शक्ति हमारे भीतर… Spread the love
समय का पहिया चलता है-कविता रचना Vidya Dubey September 16, 2025 हिंदी कविता 0 Comments माँ की यादों में भीगती पलकों से उठती सिसकियाँ अब कभी थमती नहीं। अनकही बातों की भीड़ में हर करवट बेचैनी बनकर जागती है। आँचल… Spread the love
लेखक, शॉल और सोहन पापड़ी-व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' September 16, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments लेखक और शॉल का रिश्ता उतना ही अटूट है जितना संसद और हंगामे का। शॉल ओढ़े बिना लेखक अधूरा, और सोहन पापड़ी के डिब्बे के… Spread the love
काश दीवारें बोल उठतीं डॉ मुकेश 'असीमित' September 15, 2025 हिंदी कविता 2 Comments एक धनाढ्य व्यक्ति, जिसने माँ के लिए महल जैसा घर बनाया था, आज बेसुध विलाप कर रहा है। माँ की हल्की करवट पर जाग जाने… Spread the love
हिंदी हैं हम हिंदोस्ता हमारा डॉ मुकेश 'असीमित' September 14, 2025 हिंदी लेख 0 Comments हिंदी दिवस कोई स्मृति-लेन नहीं, आत्मगौरव का वार्षिक एमओयू है—जिसमें हम तय करें कि अदालत, विज्ञान, स्टार्टअप और दफ्तर की फाइल तक हिंदी का सलीका… Spread the love
राजभाषा, ज्ञान-व्यवस्था और डिजिटल युग में हिंदी की आगे की राह डॉ मुकेश 'असीमित' September 14, 2025 हिंदी लेख 0 Comments हिंदी का भविष्य केवल भावनाओं से तय नहीं होगा, बल्कि छह खानों में इसकी ताक़त और चुनौतियाँ दिखती हैं—संस्कृति, व्यापार, न्याय, शिक्षा, मीडिया और सद्भाव।… Spread the love
हिंदी: उद्भव, विकास और “भाषा” की मनुष्यता डॉ मुकेश 'असीमित' September 14, 2025 हिंदी लेख 0 Comments भाषा केवल संचार का औज़ार नहीं, बल्कि मनुष्यता की आत्मा है। संस्कृत से प्राकृत, अपभ्रंश और फिर हिंदी तक की यात्रा हमारे सांस्कृतिक विकास की… Spread the love
वैचारिक आज़ादी और हिंदी की अस्मिता डॉ मुकेश 'असीमित' September 14, 2025 हिंदी लेख 0 Comments 1947 की आज़ादी ने हमें शासन से मुक्त किया, पर मानसिक गुलामी अब भी जारी है। अंग्रेज़ी बोलना प्रतिष्ठा, हिंदी बोलना हीनता क्यों माना जाए?… Spread the love