पुरुष सूक्त और सृष्टि–चिन्तन : पर्यवेक्षक की चेतना में जन्मा ब्रह्मांड डॉ मुकेश 'असीमित' November 27, 2025 Darshan Shastra Philosophy 0 Comments “पुरुष सूक्त हमें बताता है कि ब्रह्मांड कोई जड़ मशीन नहीं, बल्कि एक ऐसे प्रेक्षक की चेतना में जागता हुआ दृश्य है, जिसके ‘सहस्र सिर’… Spread the love
हिरण्यगर्भ का रहस्य : सृष्टि से पहले के अंधकार में चमकती एक स्वर्ण-बूँद डॉ मुकेश 'असीमित' November 27, 2025 Darshan Shastra Philosophy 0 Comments “जब कुछ भी नहीं था—न आकाश, न पृथ्वी—तब भी एक चमकता बीज था, ‘हिरण्यगर्भ’। यही वह आदिम स्वर्ण-कोष है, जहाँ ब्रह्मांड समय और स्थान बनने… Spread the love
साठ साल का आदमी-कविता रचना Prahalad Shrimali November 26, 2025 हिंदी कविता 0 Comments साठ साल का आदमी दरअसल चलता-फिरता पेड़ है—अनुभव की जड़ों में धँसा, सद्भाव की शाखों से भरा और भीतर अब भी एक प्यारा बच्चा लिये… Spread the love
भारतीय सिनेमा जगत — जाने कहाँ गए वो दिन डॉ मुकेश 'असीमित' November 26, 2025 Cinema Review 0 Comments “सिनेमाघर कभी मनोरंजन का देवालय था, जहाँ चाय-कुल्फी की आवाजें, तंबाकू की पिचकारियाँ, आगे की सीटों की रुई निकालने की परंपरा और इंटरवल का महाभारत—सब… Spread the love
धर्मेंद्र: वह आख़िरी देहाती शहंशाह, जो परदे पर नहीं—दिलों में बसता था डॉ मुकेश 'असीमित' November 26, 2025 People 0 Comments “धर्मेंद्र सिर्फ परदे के हीरो नहीं थे—वे देहात की माटी, रोमांस की रूह और इंसानियत की नरम धूप थे। खेतों की खुशबू, फिल्मों की चमक… Spread the love
मोबाइल और लाइन का लोकतंत्र : एक व्यंग्यात्मक संस्मरण डॉ मुकेश 'असीमित' November 26, 2025 Blogs 0 Comments “इस देश में लाइनें कभी खत्म नहीं होतीं, इसलिए आदमी ने मोबाइल को जीवन-संगिनी बना लिया है। टिकट विंडो की कतार हो या दिवाली की… Spread the love
संविधान दिवस: शब्दों से अधिक, एक जीवित प्रतिज्ञा डॉ मुकेश 'असीमित' November 26, 2025 Important days 0 Comments 26 नवंबर सिर्फ कैलेंडर की तारीख़ नहीं, भारत की लोकतांत्रिक आत्मा की धड़कन है। संविधान दिवस हमें याद दिलाता है कि यह दस्तावेज़ क़ानूनों की… Spread the love
धरम पाजी-फ़िर नहीं आएँगे ऐसे “ही-मैन डॉ मुकेश 'असीमित' November 25, 2025 People 0 Comments धर्मेंद्र सिर्फ़ परदे के हीरो नहीं थे—वे देहाती मासूमियत, पंजाबी दिलेरी और रोमांटिक चमक का चलता-फिरता रूपक थे। वीरू की टंकी, खेतों की पगडंडियाँ, शोले… Spread the love
युद्ध का नित नया बदलता चेहरा डॉ मुकेश 'असीमित' November 25, 2025 Foreign Affair 0 Comments युद्ध का इतिहास दरअसल मनुष्य नहीं, तकनीक की कहानी है। नरमार की भोथरी गदा से लेकर ड्रोन, AI, सैटेलाइट और हाइपरसोनिक मिसाइलों तक—हर दौर में… Spread the love
आप तो बस लिखते रहिए.. डॉ मुकेश 'असीमित' November 24, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments “आप लिखते हैं तो लोग आपको क्रांतिकारी समझ लेते हैं—खुद रिमोट बदलने से डरते हैं पर क्रांति की बंदूक आपके कंधे पर रखकर चलाना चाहते… Spread the love