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अहसास कविता-रचनाकार डॉ मुकेश गर्ग - Baat Apne Desh Ki
अहसास की इस विस्तृत वादी में, जहाँ कण कण में सुकून का सागर छिपा है,वहाँ एक परिंदा, अपने अस्तित्व की छाया में, स्वच्छंद उड़ान भरना…