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Category: Blogs

"व्यंग्यात्मक कार्टून – पिता हाथ में मोटी डिक्शनरी लिए उलझन में, बेटा मोबाइल पर तेज़ी से टाइप करता हुआ। चारों ओर ‘LOL’, ‘ROFL’, ‘BRB’, ‘IDK’ और इमोजी तैरते हुए, पिता के दिमाग़ में बिरयानी का ख्याल, जबकि बेटा डिजिटल हंसी में डूबा।"

क्या पापा – लोल – “लोल हो गया संवाद”

डिजिटल युग की हंसी अब मुँह से नहीं, मोबाइल से निकलती है। पिता ‘LOL’ सुनकर असली हंसी देखना चाहते हैं, जबकि बेटा ‘BRB’, ‘ROFL’, ‘IDK’…

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Minimalist abstract art showing a dissolving crown, a monk’s saffron staff, and a rising lotus encircled by Sanskrit words—Shringar, Neeti, Vairagya—representing Raja Bharthari’s life journey.

राजा भर्तृहरि : श्रृंगार से वैराग्य तक की जीवनयात्रा

कभी मुकुट और महल के स्वामी रहे भर्तृहरि, अंततः साधु की लाठी और तप की गहनता में लीन हो गए। उनकी कथा सिखाती है—श्रृंगार मोहक…

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A humorous caricature of India’s evolving walls—scribbled childhood chalk drawings, political posters, advertisements, pan stains, and finally transforming into a giant Facebook wall full of posts and memes, symbolizing how expression migrated from real walls to digital ones.

दीवारों का कैनवास और-दीवारें फिर बोल उठी -हास्य व्यंग्य रचना

“दीवारों का कैनवास और-दीवारें फिर बोल उठी  बचपन में ले चलता हूँ… क्या करूँ, सारी मीठी यादें तो बचपन के पिटारे में ही रह गईं।…

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"एक कार्टून कैरिकेचर दृश्य: डॉक्टर सफेद कोट में जज की तरह हथौड़ा मारकर मरीज को पक्का प्लास्टर लगाने की सज़ा सुना रहा है। मरीज पैर पर मोटा प्लास्टर लिए खड़ा है, परिवार वाले पोस्टर लिए विरोध कर रहे हैं–'घर में काम कौन करेगा?' पास में बोर्ड टंगा है–‘डॉ. प्लास्टरलाल एंड कम्पनी: बेसिक, गोल्डन, प्रीमियम पैकेज उपलब्ध।’ दृश्य व्यंग्यात्मक और हास्यपूर्ण।"

काम करने वाला कोई नहीं घर में-satire-humor

मरीज की असली तकलीफ़ टूटी हुई हड्डी नहीं, बल्कि टूटा हुआ घर-गृहस्थी का संतुलन है। डॉक्टर जब पक्का प्लास्टर लगाने का हुक्म सुनाता है तो…

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कार्टून चित्र जिसमें ए.सी. ट्रेन का डिब्बा भूतहा अस्पताल जैसा दिख रहा है। यात्री सफेद चादर ओढ़कर ममी जैसे सोए हैं, चौकीदार लालटेन लिए खड़ा है और एक यात्री डर के मारे सीट ढूंढ रहा है

मम्मी रिटर्न्स: ए सी कोच एडिशन-हास्य व्यंग्य रचना

*”ए.सी. डिब्बे की यात्रा कई बार हॉरर फिल्म जैसी लग सकती है। सफेद चादर ओढ़े यात्री ममी जैसे लगते हैं, और चौकीदार हाथ में लालटेन…

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"अमूर्त रेखाचित्र जिसमें चाँदनी रात के नीचे वृंदावन कुंजों में राधा-कृष्ण गोपियों संग महारास रचाते हुए, चारों ओर नृत्य, मुरली की धुन और काव्य-पदावलियों की आभा बिखरी हुई।"

“महारास: राधा–कृष्ण की लीलाओं में कवियों का अमर रस”

गणेश झांकी में महारास का आयोजन बचपन की रासलीला की याद दिला गया। परंपरागत पदावली और छंदों की जगह आज डीजे और पैरोडी ने ले…

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कार्टून कैरीकेचर लाइन चित्र: अस्पताल के बाहर आईसीयू के सामने रिश्तेदार चाय की चुस्कियाँ लेते हुए गपशप में व्यस्त हैं। एक तरफ अमन परेशान खड़ा है और दूसरी तरफ इवेंट मैनेजमेंट कंपनी का मैनेजर हाथ में पैकेज बुकलेट लिए ‘तेरह दिन का मेन्यू’ और ‘शोकसभा पैकेज’ समझा रहा है। बीप-बीप करती मशीन रिश्तों की संवेदना का अंतिम संस्कार कर रही है।

रिश्ते आईसीयू में-व्यंग्य लघु कथा

शहर के सात सितारा आईसीयू के बाहर रिश्तेदार चाय की चुस्कियों और तानों में लगे हैं। अमन का दिल पिता की वेंटिलेटर पर गिनती करती…

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"कार्टून चित्र में मूषक राज सिंहासन पर बैठे हैं, गले में माला और हाथ में झंडा व कलम है। पीछे गणेश जी खड़े मुस्कुरा रहे हैं। मंच पर ‘मूषक राज स्तुति महोत्सव’ लिखा है। दृश्य हास्य और व्यंग्य से भरपूर है।"

मूषक राज स्तुति-हास्य व्यंग्य रचना

गणेश चतुर्थी पर जहाँ सब गणपति की स्तुति करते हैं, वहीं उनके वाहन मूषकराज की महिमा भी अद्वितीय है। छोटे आकार में विराट शक्ति का…

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"कार्टून लाइन-चित्र में दबंग चंदावीर एक आम आदमी को पकड़कर चंदा पेटी की ओर घसीटते दिख रहे हैं। बैनरों पर अलग-अलग धार्मिक समितियों के नाम हैं और एक मोटा गौ-रक्षक लाल पट्टे व डंडे के साथ मुस्कुरा रहा है। दृश्य व्यंग्यात्मक और हास्यपूर्ण है।"

चंदागिरी –चौथ वसूली-व्यंग्य रचना

शहर में चंदागिरी का धंधा खूब फल-फूल रहा है—यह दरअसल हफ्तावसूली का ही सभ्य संस्करण है। देवी-भक्त मंडल से लेकर राम-गौ-गणेश मंडल तक सबके चूल्हे…

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