जनजातीय समुदायों का पारम्परिक पर्यावरण विज्ञान : प्रकृति के साथ सह-जीवन की विराट गाथा डॉ मुकेश 'असीमित' November 21, 2025 शोध लेख 0 Comments भारत के जनजातीय समुदायों का पारम्परिक पर्यावरण विज्ञान प्रकृति के साथ उनके जीवित, गहरे और सर्जनात्मक संबंध को व्यक्त करता है। मौसम, जंगल, जल, बीज… Spread the love
गोपाष्टमी : गो, गृह और गंगा की तरह पवित्र — हमारी सभ्यता का अदृश्य आधार डॉ मुकेश 'असीमित' October 31, 2025 India Story 0 Comments गोपाष्टमी केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि हमारी सभ्यता की जड़ों का उत्सव है — वह दिन जब हम यह स्मरण करते हैं कि हमारी… Spread the love
छट पर्व –जहाँ अस्त हुए सूरज को भी पूजा जाता है डॉ मुकेश 'असीमित' October 26, 2025 India Story 0 Comments छठ पर्व अब बिहार की सीमाओं से निकलकर विश्वभर में भारतीय आस्था का प्रतीक बन चुका है। यह केवल सूर्य उपासना नहीं, बल्कि मनुष्य और… Spread the love
घास भैरू महोत्सव — लोक आस्था का रहस्यमय उत्सव डॉ मुकेश 'असीमित' October 25, 2025 India Story 0 Comments भाईदूज के दिन बूंदी के गांव जादुई नगरी में बदल जाते हैं — जहां पत्थर तैरते हैं, ट्रैक्टर कांच पर खड़े होते हैं, और देवता… Spread the love
उत्सवों का देश: स्मृति से पुनर्जागरण तक डॉ मुकेश 'असीमित' October 24, 2025 Culture 0 Comments “कभी ‘यंतु, नजिक, चियां-चुक’—स्वर्ग के केंद्र—कहलाने वाली धरती आज अपने ही लोक-उत्सव भूल रही है। देव उठान एकादशी हमें याद दिलाती है कि रोशनी बिजली… Spread the love
भाईदूज — तिलक की रेखा में स्नेह, उत्तरदायित्व और रोशनी डॉ मुकेश 'असीमित' October 23, 2025 India Story 0 Comments “भाईदूज सिर्फ़ माथे का तिलक नहीं, रिश्ते की आत्मा में बसे भरोसे का पुनर्स्मरण है।” “जब बहन तिलक लगाती है, वह केवल दीर्घायु नहीं मांगती—वह… Spread the love
अन्नकूट महाप्रसाद — स्वाद, परंपरा और साझेपन की कथा डॉ मुकेश 'असीमित' October 22, 2025 Culture 0 Comments दीवाली और गोवर्धन के बीच का दिन केवल त्योहार का अंतराल नहीं, बल्कि साझेपन की परंपरा का उत्सव है। पहले अन्नकूट में हर घर का… Spread the love
संघ-साहित्य: शब्दों में अनुशासन, विचारों में संवाद डॉ मुकेश 'असीमित' October 17, 2025 शोध लेख 0 Comments संघ-साहित्य केवल प्रचार का उपकरण नहीं, बल्कि विचार की निरंतरता का प्रमाण है। यह शाखाओं से निकलकर पुस्तकों, पत्रिकाओं और डिजिटल संवादों में प्रवाहित होती… Spread the love
भीतर का समुद्र-मंथन: विष से अमृत तक की आत्मिक यात्रा डॉ मुकेश 'असीमित' September 30, 2025 Darshan Shastra Philosophy 0 Comments समुद्र-मंथन की कथा हमें बताती है कि जीवन की साधना सबसे पहले विष का सामना है—आलोचना, उपहास और असुविधा का। लेकिन यही विष जब धारण… Spread the love
सामवेद—नाद ब्रह्म, ध्वनि से समाधि तक डॉ मुकेश 'असीमित' September 26, 2025 Culture 0 Comments सामवेद हमें सिखाता है कि शब्द तभी पूर्ण होते हैं जब वे सुर और लय में ढलकर कंपन बनें—वही कंपन मन को विन्यस्त करता है,… Spread the love