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Category: People

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का सौम्य कार्टून-चित्र, हाथ में दीपक लिए, जिसकी लौ से कई छोटे दीये (छात्र) प्रज्वलित हो रहे हैं; पृष्ठभूमि में किताब, चॉकबोर्ड और डिजिटल स्क्रीन के आइकन—परंपरा और आधुनिक शिक्षा का सेतु दिखाते हुए।

शिक्षक दिवस: राधाकृष्णन की रोशनी में आज का अँधेरा पढ़ना

शिक्षक दिवस केवल तारीख नहीं, विचार की परीक्षा है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन हमें सिखाते हैं कि शिक्षा डिग्री नहीं, चरित्र-निर्माण है; ज्ञान तभी शक्ति है…

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Minimalist abstract art showing a dissolving crown, a monk’s saffron staff, and a rising lotus encircled by Sanskrit words—Shringar, Neeti, Vairagya—representing Raja Bharthari’s life journey.

राजा भर्तृहरि : श्रृंगार से वैराग्य तक की जीवनयात्रा

कभी मुकुट और महल के स्वामी रहे भर्तृहरि, अंततः साधु की लाठी और तप की गहनता में लीन हो गए। उनकी कथा सिखाती है—श्रृंगार मोहक…

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दो पुराने स्कूल दोस्त एक छोटे से कमरे में बैठकर खिलखिलाते हुए बात कर रहे हैं। उनके पीछे दीवार पर एक पुरानी फिल्म का पोस्टर और एक पुराने पंखे की झुकी गर्दन है। माहौल में पुरानी यादों की गर्माहट और निश्छलता है।

सच्ची दोस्ती की कड़ियाँ — एक अद्भुत बंधन की बुनावट

जीवन की उलझनों के बीच, यह कहानी एक ऐसे मित्र की है, जिसकी उपस्थिति पुराने स्कूल दिनों की मासूमियत और बेलगाम हँसी की याद दिलाती…

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एक पुरानी लकड़ी की कुर्सी—सीधी पीठ वाली, बिना पहियों के—जिस पर प्रेमचंद जैसे लेखक बैठकर विचारों की मशाल जलाते थे, और आज के लेखकों की रिवॉल्विंग, आरामदेह कुर्सियों के विपरीत खड़ी है।

मुंशी प्रेमचंद जी की कुर्सी-व्यंग्य रचना

मुंशी प्रेमचंद की ऐतिहासिक कुर्सी अब एक प्रतीक है—सच्चे लेखन, मूल्यों और विचारों की अडिगता का। पर आज का लेखक इस कुर्सी की स्थिरता नहीं,…

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कडवा सच

कड़वी_सच्चाई-फैक्ट्री मालिक की कलम से

फैक्ट्री मालिक की कलम से कड़वी_सच्चाई इन दिनों मुझे लॉकडाउन से आने वाली आर्थिक तबाही के बुरे सपने आते हैं। ऐसा लगता है जैसे 20…

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