baatapnedeshki.in
मछली हिंदी कविता-महादेव प्रेमी - Baat Apne Desh Ki
“मछली”8चरण कुण्डली।मछली को एक वार में,भारी हुआ जुकाम,बार बार लगि छींकने,हाय मरी रे राम, हाय मरी रे राम,कि वगुला वैध वुलाया,चार दिना दे दवा,परहेज भी…