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तैरना नहीं आता -कविता हिंदी-रचियता महादेव प्रेमी - Baat Apne Desh Ki
एस अकबरी ने कहा है की तैरना नहीं आता तुम्हे और इल्जाम पानी पर लगाते हो. कविता के माध्यम से लेखक ने इस सांकेतिक भाषा में हमारी परिस्थितियों के लिए स्यंव को जिम्मेदार न मानकर परिस्थितियों को जिम्मेदार बताते है