कड़वी_सच्चाई-फैक्ट्री मालिक की कलम से

फैक्ट्री मालिक की कलम से कड़वी_सच्चाई इन दिनों मुझे लॉकडाउन से आने वाली आर्थिक तबाही के बुरे सपने आते हैं। ऐसा लगता है जैसे 20 साल से कोई पार्टी चल रही थी, और अचानक बत्तियां गुल कर दी गईं हों। 1990 के पहले देखी बेरोजगारी, तंगहाली, भूख की तस्वीरें जिन्हे मैं भूल चुका था, दोबारा … Continue reading कड़वी_सच्चाई-फैक्ट्री मालिक की कलम से