व्यंग्य की दुनिया में एक जागरूक आमद -पुस्तक समीक्षा -डॉ अतुल चतुर्वेदी

‘गिरने में क्या हर्ज़ है’ एक बहुआयामी व्यंग्य संग्रह है जिसमें डॉ. मुकेश असीमित ने समाज, राजनीति, शिक्षा और चिकित्सा जैसे क्षेत्रों की विसंगतियों को पैनी दृष्टि और चुटीले अंदाज़ में प्रस्तुत किया है। आत्मव्यंग्य, रूपकों और भाषिक कलाकारी से भरपूर यह संग्रह न केवल गुदगुदाता है, बल्कि गंभीर प्रश्न भी खड़े करता है। यह संग्रह व्यंग्य विधा में एक साहसी शुरुआत है।