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Author: Dr. S G Kabra

15, विजय नगर, डी-ब्लॉक, मालवीय नगर, जयपुर – 302017 मो. 8003516198
चिकित्सा के आयाम -क्लिनिकल डायमेंशन

चिकित्सा के अयाम-Clinical Dimension -Dr S. G . Kabra

आदिकाल से चिकित्सक, रोग और व्यधियों का व्याख्यात्मक स्पष्ठिकरण देने को सतत चेष्ठारत रहे हैं। रोग स्पष्ठिकरण की ऐसी परिकल्पना (थ्योरी) जिसे व्यापक मान्यता मिले।…

Cancer Hypothesis -कैंसर की अव्धार्नाये

हाइपोथीसिस – परिकल्पना कैंसर क्यों होता है। Hypothesis about Cancer

ह्यूमर हाइपोथीसिस – आंतरिक द्रव-विकार परिकल्पना। हिप्पोक्रेटस की आदि काल की शरीर के अंदर 4 द्रव की परिकल्पना को, पांच शताब्दि बाद, ग्रीक चिकित्सक गेलेन…

जड़बुद्धि जीनियस - विक्लांग विद्वान

जड़बुद्धि जीनियस – विक्लांग विद्वान

मनसिक कमी के रहते हुए किसी विशेष क्षेत्र में कौशल या प्रतिभा कैसे संभव होती है इसके लिए अवधारणा है कि उनकी मानसिक प्रतिक्रिया विशिष्ट…

प्राण प्रणेता पौरुष पुंज आपके शुक्राणु डॉ. श्रीगोपाल काबरा

प्राण प्रणेता पौरुष पुंज आपके शुक्राणु डॉ. श्रीगोपाल काबरा

प्राणियों के प्राण प्रणेता – प्राणनाथ – शुक्राणु ही होते हैं। पढ़िए रोचक तथ्यात्मक जानकारी शुक्रानुओ के बारे में लेख डा एस जी काबरा द्वारा…

aankhe niyamat hai-aankhe boltee hai

आँखें नियामत – आँखे बोलती हैं। दो नयना मत खाइयो, पीव मिलन की आस -डॉ. श्रीगोपाल काबरा

क्या आप जानते हैं – – कि आपकी दो आँखें आपके मस्तिष्क के संचार संस्थान के दो दूरदरर्शन स्टूडियों है जिनमें (हर आँख में) 1…

प्रेम पाती, प्रणय निवेदन, स्वयंवर और संग्राम गंध संवाद का विलक्षण संसार -लेख डा एस जी काबरा

कोई जीव या प्राणी अपने से बाहरी जगत से संपर्क और संवाद किये बिना जीवित नहीं रह सकता। प्रकृति से संपर्क-संवाद अपना अस्तिव बनाये रखने…