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वर्षा कविता(poem on Rain )-रचियता -महादेव गर्ग प्रेमी

poem on rain-written by Mahadev premi -Author of Bujhobal

वर्षा के दिन आ गये ,

भरे तलैया ताल

खेती की आशा बनी,कृषक हुए खुशहाल

न्रत्य करत है मोर पपहिये ने टेर लगाई

“प्रेमी” खुश है आज,

किसानो का मन हर्षा

वन्धी आशा चहु और की आई सुन्दर वर्षा

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