लोभ और स्वारथ वश लोग,रिस्ते नाते तोड लेते हैं, अंत में परिणाम को पाकर,पछता भी लेते हैं मिट्टी का वर्तन,और परिवार जोडने की कीमत ,…
हिंदी केवल अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं, बल्कि आत्मा की पहचान है। यह भाषा नहीं, सृजन की प्रेरणा है — जो प्रतिभा को आकार देती है…
एक मुखौटा जो क्रांति का नाम लेता है, और एक जाम जो सिंगल मॉल्ट से छलकता है। डॉ. मुकेश ‘असीमित’ की यह तीखी व्यंग्यात्मक कविता…
जंगल केवल पेड़ों और जानवरों का घर नहीं, बल्कि हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। यह हरियाली, शांति, और जैव विविधता का प्रतीक हैं, जो…
गणेश वंदना करहूँ स्तुति तोरे, श्री गणपति, दीन दुखी के नाथ। दारुण दूर करहुं, मंगलकारी, तुम हो दीनों के साथ।। विघ्न विनाशक नाम तुम्हारा, शुभ…
अंतर्द्वंद का यह संसार, मन के विराट आकाश में, जहाँ चिंतन की गहराइयों में बसती है एक अनकही पीड़ा। मनुष्य की अनगिनत अपेक्षाएँ, समाज के…
“तेरा दुःख तेरा ही होगा “इस कविता के माध्यम से, यथार्थ को अपनाने और स्वयं के साथ खड़े होने की प्रेरणा देने का प्रयास किया…
अहसास की इस विस्तृत वादी में, जहाँ कण कण में सुकून का सागर छिपा है,वहाँ एक परिंदा, अपने अस्तित्व की छाया में, स्वच्छंद उड़ान भरना…
दीपक मिट्टी का बना हो,या सोने का,रोशनी कितनी देता है,सवाल है इस वात का,कोई धनी हो या गरीव,मुसीवत में कितना हो करीव,महत्व है इस वात…
कहा जाता है समय और परिस्थिति सदैव पक्ष में हो ज़रूरी नहीं!हमारा नज़रिया जैसा होता है व्यवहार भी उसी तरह का होने लगता है |…