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एक महिला लाल साड़ी में जोश से लाइव कार्यक्रम कर रही है, पीछे उसका बेटा और पति हैरान-परेशान मुद्रा में खड़े हैं, टेबल पर लैपटॉप और माइक रखा है।

अड़े रहो सखियों— ये जिंदगी तो ना मिलेगी दोबारा—

श्रीमती बिंदिया ढहया लेखिका बनने के बाद अब “एडमिन” बनने पर अड़ी हैं — फेसबुक पेज, लाइव कार्यक्रम, महिला मंच… सब कुछ चाहिए उन्हें! बेटा…