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Tag: हिंदी साहित्य

एक साहित्यकार ट्रॉफी पकड़े संकोच में मुस्कुराते हुए, पीछे अलमारी में चमचमाता पुरुष्कार रखा है, सामने बब्बन चाचा तिरछी नजरों से पूछते—कहाँ से जुगाड़ किया?"

पुरुष्कार का दर्शन शास्त्र

पुरस्कारों की चमक साहित्यकारों को अक्सर पितृसत्ता की टोपी पहना देती है। ये ‘गुप्त रोग’ बनकर छिपाया भी जाता है और पाया भी जाता है,…

📘 Roses and Thorns by Dr. Mukesh Aseemit

“Roses and Thorns” : मेरी एक नई तीखी-मीठी उड़ान!

Roses and Thorns – a satire bouquet straight from the OT (Operation Theatre) of an orthopedic doctor turned wordsmith. No enlightenment. No “6-pack abs” philosophy.…