हौले हौले सावन आया
मेरा मन बहलाने को
धीरे से वो बरस गया
मेरे घर के आँगन मे ।।
छिन छिन बदरी छिन बरसा
कही झमाझम कही पर रिमझिम
कही फुहार से फुफुक रहे
बरस रहे है कारे बदरा ।।
लदी डाल काले जामुन से
आम बाग़ मे महक रहे
घर घर झूला झूल रही है
बिटिया सब घर आँगन मे ।।
कही पे सोहर कही पे सावन
कही पे कजरी गाती है ।
जिनके पिया प्रदेश बसे
उनकी छाती जर जाती है ।।
वारे सावन तू मन भावन
सदा हरा भरा सा रहता है ।
मेरे पिया से जाकर कहना
तड़फ रही हूँ आँगन मे ।।
स्वरचित मौलिक रचना सर्वाधिकार सुरक्षित है
रचनाकार
उत्तम कुमार तिवारी ” उत्तम ”
लखनऊ
उत्तर प्रदेश
भारत
उत्तम कुमार तिवारी “उत्तम”
३६१ ” का पुराना टिकैत गंज
लखनऊ
पिन कोड २२६०१७