छतरियों के साये में-कविता रचना

छतरियों के साये में

बरसात की एक शाम थी।
पानी की बूँदें टीन की छत पर झमाझम गिर रही थीं,
और मैं अस्पताल के बरामदे में खड़ा,
बारिश से बचने को हाथ में एक छतरी लिए।

वह आदमी—बूढ़ा, झुका हुआ,
सिर से लेकर पाँव तक भीग चुका ।
उसकी आँखों में कोई आँसू नहीं,
पर बारिश की बूँदों में घुली हुई एक उदासी ।

वह मेरे क्लीनिक के गेट के पास रुका,
फटी हुई शॉल में काँपती बीमार पत्नी,
जिसकी साँसों की लय लड़खड़ा रही थी,
हवा के थपेड़ों में लहराते किसी पुराने झंडे की तरह।

“डॉक्टर साब… कुछ करिए… नहीं तो…”
शब्द पूरे नहीं हो पाए, बस एक लंबी साँस छूट गई।
मैंने उसे अंदर बुलाया,
वह संकोच से पीछे हट गया—
शायद फीस का डर,
या समाज का वह अंधा नियम,
जो गरीब को सिर्फ कगार पर चलने की इजाज़त देता है।

मेरी छतरी अभी भी मेरे हाथ में थी,
और वह आदमी और उसकी पत्नी—
खुले आसमान के नीचे,
उस बारिश में,
जहाँ सिर्फ दुःख भीगता है,
पर दर्द कभी सूखता नहीं।

मैंने बिना कुछ सोचे अपनी छतरी उस पर डाल दी।
पर यह कैसी विडंबना!
मेरी छतरी की परछाईं में खड़े उस बूढ़े की आँखों में
अब भी बारिश जारी थी।

उस रात, जब मैं घर लौटा,
अपनी आरामदेह कुर्सी पर बैठा,
तो सोचा—
क्या वाकई मेरी तकलीफें तकलीफें थीं?
क्या सच में मेरे दुःख बड़े थे?
या फिर वे सिर्फ मेरी कल्पना की नमी थे,
जो पहली बूंद के पड़ते ही सुख जाती हैं?

उस बूढ़े के दुःख के सामने मेरे दुःख,
एक अधूरी छतरी की तरह लगने लगे—
जिसमें से टपकते थे मेरे छोटे-छोटे गिले-शिकवे,
जो कभी पूरी तरह भीगे ही नहीं थे।

रचनाकार –डॉ मुकेश असीमित

डॉ मुकेश 'असीमित'

डॉ मुकेश 'असीमित'

लेखक का नाम: डॉ. मुकेश गर्ग निवास स्थान: गंगापुर सिटी, राजस्थान पिन कोड -३२२२०१ मेल…

लेखक का नाम: डॉ. मुकेश गर्ग निवास स्थान: गंगापुर सिटी, राजस्थान पिन कोड -३२२२०१ मेल आई डी -thefocusunlimited€@gmail.com पेशा: अस्थि एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ लेखन रुचि: कविताएं, संस्मरण, व्यंग्य और हास्य रचनाएं प्रकाशित  पुस्तक “नरेंद्र मोदी का निर्माण: चायवाला से चौकीदार तक” (किताबगंज प्रकाशन से ) काव्य कुम्भ (साझा संकलन ) नीलम पब्लिकेशन से  काव्य ग्रन्थ भाग प्रथम (साझा संकलन ) लायंस पब्लिकेशन से  अंग्रेजी भाषा में-रोजेज एंड थोर्न्स -(एक व्यंग्य  संग्रह ) नोशन प्रेस से  –गिरने में क्या हर्ज है   -(५१ व्यंग्य रचनाओं का संग्रह ) भावना प्रकाशन से  प्रकाशनाधीन -व्यंग्य चालीसा (साझा संकलन )  किताबगंज   प्रकाशन  से  देश विदेश के जाने माने दैनिकी,साप्ताहिक पत्र और साहित्यिक पत्रिकाओं में नियमित रूप से लेख प्रकाशित  सम्मान एवं पुरस्कार -स्टेट आई एम ए द्वारा प्रेसिडेंशियल एप्रिसिएशन  अवार्ड  ”

Comments ( 0)

Join the conversation and share your thoughts

No comments yet

Be the first to share your thoughts!