राधाष्टमी : राधा-कृष्ण प्रेम की अनंत व्याख्या

डॉ मुकेश 'असीमित' Aug 31, 2025 Art and Craft 0

राधाष्टमी केवल जन्मोत्सव नहीं, बल्कि प्रेम और समर्पण की परम व्याख्या है। राधा-कृष्ण का मिलन आत्मा और परमात्मा का प्रतीक है। उनके प्रेम में अधिकार नहीं, समर्पण है; वियोग में भी साधना है। यही निष्कलुष प्रेम हमें सिखाता है कि प्रेम का असली सौंदर्य त्याग और अर्पण में है।

दीवारों का कैनवास और-दीवारें फिर बोल उठी -हास्य व्यंग्य रचना

डॉ मुकेश 'असीमित' Aug 31, 2025 व्यंग रचनाएं 0

“दीवारों का कैनवास और-दीवारें फिर बोल उठी  बचपन में ले चलता हूँ… क्या करूँ, सारी मीठी यादें तो बचपन के पिटारे में ही रह गईं। बिल्कुल उसी दादी माँ के पिटारे की तरह, जिसे हम उनकी नज़रों से बचाकर उत्सुकतावश खोल ही लेते थे। मन में कौतूहल—आख़िर दादी इस पिटारे में क्या छुपाकर रखती हैं? […]

श्री नृसिंह स्तुति

डॉ मुकेश 'असीमित' Aug 30, 2025 भजन -रचनाएँ 0

नृसिंह भगवान का रूप भय और करुणा का अद्भुत संगम है। हिरण्यकशिपु का वध कर उन्होंने धर्म की रक्षा की और प्रह्लाद को अभय दिया। यह दिव्य अवतार दर्शाता है कि जब अत्याचार अपनी सीमा पार कर देता है, तब भगवान स्वयं आकर धर्म की स्थापना करते हैं।

काम करने वाला कोई नहीं घर में-satire-humor

डॉ मुकेश 'असीमित' Aug 30, 2025 Blogs 0

मरीज की असली तकलीफ़ टूटी हुई हड्डी नहीं, बल्कि टूटा हुआ घर-गृहस्थी का संतुलन है। डॉक्टर जब पक्का प्लास्टर लगाने का हुक्म सुनाता है तो लगता है जैसे घर में आपातकाल लागू कर दिया हो। मरीज की गुहार–“डॉक्टर साहब, घर में कोई काम करने वाला नहीं!”–अब डॉक्टर के लिए नए बिज़नेस का आइडिया बन चुकी है। बेसिक, गोल्डन और प्रीमियम पैकेज समेत!

मम्मी रिटर्न्स: ए सी कोच एडिशन-हास्य व्यंग्य रचना

डॉ मुकेश 'असीमित' Aug 29, 2025 व्यंग रचनाएं 0

*"ए.सी. डिब्बे की यात्रा कई बार हॉरर फिल्म जैसी लग सकती है। सफेद चादर ओढ़े यात्री ममी जैसे लगते हैं, और चौकीदार हाथ में लालटेन लिए किसी भूतहा हवेली का गार्ड प्रतीत होता है। मोबाइल की टॉर्च से सीट नंबर खोजना किसी रहस्यमयी लिपि पढ़ने जैसा अनुभव बन जाता है। सच मानिए, 'मम्मी रिटर्न्स: ए.सी. कोच एडिशन' किसी भी थ्रिलर मूवी को मात दे सकती है।"*

“महारास: राधा–कृष्ण की लीलाओं में कवियों का अमर रस”

डॉ मुकेश 'असीमित' Aug 29, 2025 Art and Craft 4

गणेश झांकी में महारास का आयोजन बचपन की रासलीला की याद दिला गया। परंपरागत पदावली और छंदों की जगह आज डीजे और पैरोडी ने ले ली है। सोचिए—यदि रसखान, नंददास, कुम्भनदास और घनानंद के पद फिर मंचित हों, तो कैसा दिव्य वातावरण बनेगा। इन कवियों ने भक्ति, प्रेम, श्रृंगार और विरह के रंगों से रासलीला को अमर और अनंत माधुरी का अनुभव बना दिया है।

गणेश चतुर्थी विशेष-स्तुति

डॉ मुकेश 'असीमित' Aug 28, 2025 Important days 0

गणेश चतुर्थी विशेष अवसर पर प्रस्तुत वंदना में गणपति को विघ्नहरण प्रथमेश्वर, पार्वतीसुत, मोदकप्रिय, गजवदन और सिद्धिदाता के रूप में नमन किया गया है। वे करुणाकर, बुद्धिप्रदाता और भक्तजनप्रिय हैं, जो दुख हरकर मंगल का मार्ग प्रशस्त करते हैं। जगद्वंद्य गजानन का स्मरण जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।

रिश्ते आईसीयू में-व्यंग्य लघु कथा

डॉ मुकेश 'असीमित' Aug 28, 2025 लघु कथा 4

शहर के सात सितारा आईसीयू के बाहर रिश्तेदार चाय की चुस्कियों और तानों में लगे हैं। अमन का दिल पिता की वेंटिलेटर पर गिनती करती साँसों और नौकरी के अल्टीमेटम के बीच झूल रहा है। इसी बीच ‘संस्कार प्लानर प्राइवेट लिमिटेड’ वाला इवेंट मैनेजर प्रवेश करता है, शोकसभा का पैकेज थमाते हुए। रिश्तों की अंतिम सांसों को मशीनें खींच रही हैं और संवेदनाएँ कॉर्पोरेट पैकेज में बदल रही हैं।

मूषक राज स्तुति-हास्य व्यंग्य रचना

डॉ मुकेश 'असीमित' Aug 27, 2025 व्यंग रचनाएं 0

गणेश चतुर्थी पर जहाँ सब गणपति की स्तुति करते हैं, वहीं उनके वाहन मूषकराज की महिमा भी अद्वितीय है। छोटे आकार में विराट शक्ति का प्रतीक मूषक राज निर्माण और विनाश दोनों का पाठ पढ़ाते हैं। राजनीति की गलियों से लेकर धर्म की रणभूमि तक, उनकी चपलता और सजगता हमें सिखाती है कि सत्य के मार्ग पर बड़ा बनने के लिए आकार नहीं, बल्कि बड़ा दिल चाहिए।

चंदागिरी –चौथ वसूली-व्यंग्य रचना

डॉ मुकेश 'असीमित' Aug 27, 2025 India Story 0

शहर में चंदागिरी का धंधा खूब फल-फूल रहा है—यह दरअसल हफ्तावसूली का ही सभ्य संस्करण है। देवी-भक्त मंडल से लेकर राम-गौ-गणेश मंडल तक सबके चूल्हे चंदे की रोटी से जलते हैं। चंदावीर साम-दाम-दंड-भेद की सनातनी तकनीक से लोगों को घेरते हैं, कभी गाय-भक्ति तो कभी आयोजन के नाम पर। राजनीति भी वोट और चंदे की संयुक्त प्राणवायु पर टिकी है।