जीनीयस जनरेशन की ‘लोल’ भाषा Vivek Ranjan Shreevastav October 18, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments “जेन ज़ी की ‘लोल भाषा’ ने व्याकरण के सिंहासन को हिला दिया है। अब भाषा नहीं, भावना प्राथमिक है। अक्षरों का वजन घट रहा है,… Spread the love
जा तू धन को तरसे — एक व्यंग्यात्मक धनतेरस कथा डॉ मुकेश 'असीमित' October 18, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments धनतेरस के शुभ अवसर पर जब जेबें खाली हैं और बाज़ार भरा पड़ा है, तब लेखक हंसी और व्यंग्य से पूछता है — “धनतेरस किसके… Spread the love
शुभ लाभ-फटूकड़ियां – 2025 Prahalad Shrimali October 16, 2025 हास्य रचनाएं 0 Comments दीपावली की यह व्यंग्यात्मक ‘फटूकड़ियां 2025’ केवल रोशनी का उत्सव नहीं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र, राजनीति, न्याय और समाज की मानसिकता पर तीखा हास्य है। लेखक… Spread the love
काम वाली बाई — एक व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' October 16, 2025 हास्य रचनाएं 0 Comments पहले आदमी अपनी कुंडली देखकर तय करता था कि आज दिन कैसा रहेगा; अब बस यही देखता है — बाई आ रही है या नहीं!… Spread the love
हम उस ज़माने के थे -हास्य व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' October 12, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments “हम उस ज़माने के थे — जब ‘फ्री डिलीवरी’ मतलब रामदीन काका के बाग़ के अमरूद थे।” “खेतों की हवा, खाट पर रातें और दादी… Spread the love
जूता पुराण : शो-टाइम से शू-टाइम तक डॉ मुकेश 'असीमित' October 11, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments इन दिनों जूते बोल रहे हैं — संसद से लेकर सेमिनार तक, हर मंच पर चप्पलें संवाद कर रही हैं। कभी प्रेमचंद के फटे जूतों… Spread the love
श्रीमती जी का व्रत-हास्य व्यंग्य डॉ मुकेश 'असीमित' October 10, 2025 India Story 0 Comments जब श्रीमती जी के हाथ से चाय का दूसरा कप गायब हो और चेहरे पर व्रत का तेज़ नजर आने लगे, समझ जाइए — करवा… Spread the love
मध्यमवर्गीय शादियाँ : परंपरा, शोभा और तकनीक का तड़का डॉ मुकेश 'असीमित' October 10, 2025 हास्य रचनाएं 0 Comments हमारे इलाक़े की मध्यमवर्गीय शादियाँ किसी भूले-बिसरे लोकगीत के रीमिक्स जैसी होती हैं — धुन परंपरा की, बोल नए ज़माने के। रिश्ता तय होने की… Spread the love
कुट्टू पार्टी-हास्य व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' October 6, 2025 हास्य रचनाएं 0 Comments कुट्टू पार्टी”—व्रत की भूख और श्रद्धा का स्वादिष्ट संगम। यह कोई ‘किटी पार्टी’ नहीं, बल्कि सेंधा नमक और फलाहार के बीच पनपी भारतीय संस्कृति की… Spread the love
अमीर दिखने का विज्ञान-हास्य व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' October 3, 2025 हास्य रचनाएं 0 Comments अमीर दिखना अब कोई मुश्किल नहीं, बस सही नुस्ख़े चाहिए। घर की सफ़ाई से लेकर कॉफी कप, फ्रिज के एवोकाडो और कॉलर वाले नाइट सूट… Spread the love