रोशनी ख़ुशबू की -गजल Kishan Tiwari September 5, 2025 गजल 0 Comments किशन तिवारी ‘भोपाल’ की यह ग़ज़ल जीवन की पीड़ा, संघर्ष और रिश्तों की विडंबना का गहन बयान है। इसमें मोहब्बत और विश्वास के टूटे बंधन,… Spread the love
आजाद गजल -क्या मिला! Prahalad Shrimali July 10, 2025 गजल 2 Comments प्रह्लाद श्रीमाली की यह रचना हास्य और कटाक्ष के माध्यम से सामाजिक व्यवहारों, ढकोसलों और राजनीतिक विडंबनाओं पर करारा व्यंग्य करती है। ‘क्या मिला?’ के… Spread the love
हमें दिल का ज़माना चाहिए-गजल Shakoor Anvar June 26, 2025 Poems 0 Comments दिल के दौर में दुनिया ने खज़ाने मांगे। भूख से लिपटी आत्मा को सिर्फ़ आसरा चाहिए था। शिकारी ने निशाना ढूंढ़ा, और प्यार को बस… Spread the love