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दिवाली त्यौहार कविता -Diwali Poem

Diwali festival poem by Mahadev Premi

दिवाली का त्यौहार खुशियों का उमंग का हर्ष का रोशनी का त्यौहार है. महादेव प्रेमी द्वारा रचित कुंडली विधा पर आधारित ये कविता आपको इस त्यौहार के महत्त्व को याद दिलाएगी. ऐसे ही कविता लेख आदि के लिए जुड़े रहे बात अपने देश की से.

Diwali festival poem by Mahadev Premi
Diwali festival Collection onFotocons

दिवाली त्योहार पर,खुशियां भरी उमंग,
घर पोतें दीपक जलें,रंगोली के संग।
रंगोली के संग,सजे आंगन गलियारे।
दीप रोशनी बने,कि शहर गांव उजियारे।
(प्रेमी)लंका जीत,राम निज प्रजा संभाली।
घर घर हुए आनंद,तभी से मने दिवाली।

रचियता -महादेव प्रेमी

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