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हिन्दी की बेटी-कविता

एक अमूर्त डिजिटल चित्र जिसमें swirling ब्रशस्ट्रोक्स सूर्य-जैसे प्रकाश स्रोत के चारों ओर ऊर्जा और सृजन की लहरें दर्शाते हैं, जो हिंदी की शक्ति और आध्यात्मिक व्यापकता को प्रतीकात्मक रूप में दर्शाता है।

कविता – हिन्दी की बेटी

मेरे जीवन में अप्रतिम,
सृजन का निर्णय है हिंदी
हिंदी की गाथा इतनी विस्तृत
अर्थ बदल देती है बिंदी

मैं हूँ इससे ओतप्रोत
प्रतिभा बनाये मेरी हिंदी
हिंदी का क्षेत्र अगाध अथाह
ज्ञान छलछला देती है हिंदी

हिंदी का शौर्यपूर्ण इतिहास
वर्तमान बदल देती है हिंदी
इस पर गर्व मुझे आरंभ से,
मेरी गरिमा बनाती है हिंदी

संपूर्ण विश्व में है विराट व्यक्तित्व

अज्ञान विलोपित करती हिंदी

अखिल ब्रह्माड चराचर जगत में

सबका गौरव है हिंदी

प्रथम कक्षा से इसका प्रारंभ
विद्वान बना देती है हिंदी
जननी इसकी संस्कृत है
मैं क्षुद्र व्यक्तित्व समक्ष हिंदी

मैं हिंदी की बेटी हूं
मुझे प्रोफेसर बनाती हिन्दी

इसीलिए तो बबिता प्रकाश का

संजोग करवाती संस्कृत हिंदी

रचनाकार -बबिता कुमावत

सहायक प्रोफेसर राजकीय महाविद्यालय नीमकाथाना, सीक

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