“मां मन्दिर का दीप”
कुण्डली 8चरण
मां मन्दिर का दीप हैं, मां पूजा का थाल,
जिसे दुआ मिलती रहे,सदा रहे खुशिहाल,
सदा रहे खुशहाल, नहीं कोई दुविधा आती,
राहू केतू शनी,आदि की ग्रह टल जाती,
मां जगह कोइ और,नहीं करता भरपाती,
मां का आशीर्वाद,डुबी नौका तर जाती,
“प्रेमी”नेक नसीव,तो मां को रखो समीप,
मां की सेवा करो ,है मां मन्दिर का दीप।
रचियता-महादेव प्रेमी
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