गलवान की महाभारत के महान योद्धाओं को नमन???
गलवान घाटी में चीनी राक्षसों के साथ भारतीय सैनिकों के युद्ध के दृश्य की कल्पना कीजिये।
कोई गोली ,बारूद नही ,कोई टैंक ,मशीन गन नही ,कोई तोप या बम नही। कोई फाइटर जेट्स या हेलीकाप्टर नही।लोहे की रॉड ,पत्थर ,डंडों से लड़े होंगे हमारे वीर सैनिक।
कुछ भी नही मिला होगा तो हाथों ,मुक्कों लातों से लड़े होंगे।
कड़ाके की ठंड , बगल में एक ओर गहरी खाई होगी दूसरी ओर गहरी नदी होगी।हो सकता है संख्या बल में भी कम रहे हों।
महाभारत के युद्ध से मिलता जुलता रहा होगा वो दृश्य। महाभारत में भी तो योद्धा कभी रथ का पहिया निकालकर तो कभी गदा इत्यादि से लडे थे।
लेकिन तब युद्ध के नियम थे, सूर्यास्त के बाद नही लड़ते थे।गलवान में रात के अंधेरे में लड़े हमारे वीर सैनिक।
अदम्य साहस का परिचय देने वाले ऐसे अद्भुत पराक्रमी वीरों की शहादत को शत शत नमन।
बॉलीवुड के एक नकली नायक की आत्महत्या पर व्यर्थ आंसू मत बहाइये,अपने असली नायकों की कद्र करना सीखिए ।
सैनिक हैं तो राष्ट्र है, राष्ट्र है तो हम हैं।
बॉलीवुड भांडों की घटिया मूवीज देखने मे जो पैसा खर्च करते हो उसे अपने शहीदों के परिवार को भेंट दो।
उनके बलिदान के सामने बहुत तुच्छ भेंट होगी ये ।
-डॉ राज शेखड़ यादव
फिजिशियन एंड ब्लॉगर
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