सैनिकों को सलाम
ये भारत का गोरव तिरंगे को दिल में बसाते, उ
द्विग्न लहरों को पार कर ये विजित कहलाते,
इनके रग में बसा है स्वाभिमान,
बुलंद हौसले हैं इतने जज्बे में है हिंदुस्तान,
तिरंगे में इनका श्वास रहता, बेमिसाल है इनकी शहादत
कलम में इतनी ताकत नहीं जो कर सके इनकी इबादत,
इरादे इनके इतने फौलादी सरहद पर नजर ये रखते हैं,
भारत माँ के ये लाड़ले रोज शौर्य का उदाहरण देतेहै,
शर्त मौत से भी लगा लेते ये,
सांसो की रखवाली ना करते ये
मातृभूमि के लिए जिंदा रहें ये,
लहू देकर उसकी हिफाजत करते ये,
ठंड में भी ये ठिठुरते रहते है,
धूप में भी ये जलते रहते है
चिंता नहीं करते ये कभी घर परिवार की,
संपूर्ण भारत करता प्रशंसा इनके जज्बे की ।
बबिता कुमावत सहायक प्रोफेसर राजकीय महाविद्यालय नीमकाथाना सीकर
shandaar kavita