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Tag: भावुकता

एक अमूर्त सुरियलिस्टिक चित्र जिसमें एक धुँधली औरत का आँचल बहते जल जैसा दिखता है, जिस पर एक बच्चा सिर रखे सोया है। उसकी पलकों से आँसू मोतियों की तरह गिरकर समय के पहिए में बदल रहे हैं। पृष्ठभूमि में धुंधले बादल और टूटता हुआ चाँद।

समय का पहिया चलता है-कविता रचना

माँ की यादों में भीगती पलकों से उठती सिसकियाँ अब कभी थमती नहीं। अनकही बातों की भीड़ में हर करवट बेचैनी बनकर जागती है। आँचल…

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