तीन रोटियों की माँ”(कमी, ममता और संघर्ष) Wasim Alam June 25, 2025 कहानी 2 Comments इस चित्र में झलकती है एक ऐसी औरत की कहानी, जो दिन भर अस्पताल की सफ़ाई करती है लेकिन असल में अपने जीवन की जद्दोजहद… Spread the love
मेडिकल का आँचलिक भाषा साहित्य – बिंब, अलंकारों, प्रतीकों से भरपूर डॉ मुकेश 'असीमित' June 8, 2025 Blogs 1 Comment “डॉक्टर साहब, आपकी पढ़ाई अपनी जगह… हम तो इसे ‘नस जाना’ ही मानेंगे!” ग्रामीण चिकित्सा संवादों में हर लक्षण का एक लोकनाम है — ‘चक… Spread the love
पुरुष्कार का दर्शन शास्त्र डॉ मुकेश 'असीमित' May 13, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments पुरस्कारों की चमक साहित्यकारों को अक्सर पितृसत्ता की टोपी पहना देती है। ये ‘गुप्त रोग’ बनकर छिपाया भी जाता है और पाया भी जाता है,… Spread the love
“Roses and Thorns” : मेरी एक नई तीखी-मीठी उड़ान! डॉ मुकेश 'असीमित' April 27, 2025 Blogs 0 Comments Roses and Thorns – a satire bouquet straight from the OT (Operation Theatre) of an orthopedic doctor turned wordsmith. No enlightenment. No “6-pack abs” philosophy.… Spread the love