‘ जुवान को समेट कर रखें ‘-Hindi poem

Mahadev Prashad Premi Jul 24, 2021 Hindi poems 0

‘ जुवान को समेट कर रखें ‘ जुवान पर लगाम औरफलों में आम,ये श्रेष्ठ माने जाते है, किसी ने क्या खूव कहा है,लम्वा धागा और लम्वी जुवान,हमेशा उलझ जाती है, इसलिये धागे को लपेट कर,और जुवान को समेट कर रखें ।