“आज़ादी के दिन का अधूरा सपना”-लघु कथा

Wasim Alam Aug 16, 2025 लघु कथा 4

"15 अगस्त के उत्सव में झंडे लहरा रहे थे, गीत बज रहे थे, लेकिन गांधी मैदान के किनारे नंगे पाँव बच्चे लकड़ी समेट रहे थे। उनके चेहरों पर डर और भूख लिखी थी। असली आज़ादी तब होगी जब बच्चे छत के लिए लकड़ी नहीं, सपनों के लिए कलम तलाशेंगे।"

Childhood memories indispensable-DrBuddhi Prakash

Dr Buddhi Prakash Dec 24, 2020 Blogs 1

."एक बार फिर अपने बचपन के पन्नो को पलटिये, सच में फिर से जी उठेंगे।पढ़िए डा बुद्धि प्रकाश द्वारा लिखित यह रोचक लेख जो आपको बचन की मीठी स्मृतियों में गोटा लगाने को मजबूर कर देगा

Early 6 years of village/school life

Dr Buddhi Prakash Dec 23, 2020 Blogs 1

Early 6 years of village / school and life -Dr Buddhiprakash Being born in a village and spending your childhood there is a different pleasure. Waking up early in the morning, filling a lota from the house and meeting with friends on a nook and then making a circle in the fields and targeting each […]

“बचपन “कविता महादेव प्रेमी रचित

डॉ मुकेश 'असीमित' May 22, 2020 Poems 0

“बचपन” (कुण्डली8चरण) बचपन आप सम्हालिए ,देकर प्रेम दुलार,नीति नियम संस्कार दे,बन के दक्ष कुम्हार, बन के दक्ष कुम्हार,जैसे मिट्टी को ढाले,घुमा चाक पर कूट,पीट अग्नि में डाले, ऐसे हर परिवार,बाल बच्चों को पालो,दे संस्कार उदार,नेक जीवन में ढालों, “प्रेमी”इतना करो,लगे उनको अपनापन,मात पिता गुरु शिक्षा,दें तब सुधरे बचपन। रचियता -महादेव प्रेमी