“कुण्डली” 6चरण “कर्म”_हिंदी कविता महादेव “प्रेमी “ Mahadev Prashad Premi July 14, 2021 Poems 0 Comments कर्म गठरिया लाद कर,जग फिर है इन्सान,जैसा कर वैसा भरे,विधि का यही विधान,विधि का यही विधान,कर्म से सव कुछ आवै,दुख से बदले सुख,सभीविपदा टल जावै,कर्म… Spread the love