समय का पहिया चलता है-कविता रचना Vidya Dubey September 16, 2025 हिंदी कविता 0 Comments माँ की यादों में भीगती पलकों से उठती सिसकियाँ अब कभी थमती नहीं। अनकही बातों की भीड़ में हर करवट बेचैनी बनकर जागती है। आँचल… Spread the love
अब ए.आई. भी ‘आई’ बन सकती है!-हास्य व्यंग्य डॉ मुकेश 'असीमित' July 8, 2025 व्यंग रचनाएं 4 Comments ए.आई. अब सिर्फ इंटेलिजेंस नहीं, अब वह ‘आई’ भी है! तकनीक की इस नई छलांग में अब प्रेम, गर्भ और पालन-पोषण भी कोडिंग से संभव… Spread the love
हां मैं एक औरत हूं-Kavita-Hindi Vidya Dubey July 5, 2025 हिंदी कविता 6 Comments यह कविता स्त्री के संघर्ष, सहनशीलता और उसकी शक्तियों का गान है। माँ, बहन, पत्नी, प्रेमिका, देवी — हर भूमिका में वह समाज की नींव… Spread the love
मातृत्व का आधार – संसार का संचालन -The basis of motherhood – the running of the world Dr Shree Gopal Kabra June 11, 2021 Health And Hospitals 0 Comments स्त्रीत्व, नारीत्व और मातृत्व का संचालन केन्द्र – डिम्बग्रन्थि है? -कि स्त्रीत्व का व्यक्त रूप होता है, रोएं विहीन कोमल त्वचा, आकर्षक शरीर सौष्ठव, स्तन… Spread the love