वोट का हाट बाजार-हास्य व्यंग्य रचना Pradeep Audichya November 10, 2025 हास्य रचनाएं 0 Comments भरोसीलाल ने चाय के डिस्पोज़ल कप को देखते हुए कहा — “ये चाय है चुनाव और कप है जनता, चुनाव खत्म तो जनता कचरे में!”… Spread the love
मुद्दों की चुहिया – पिंजरे से संसद तक डॉ मुकेश 'असीमित' November 10, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments मुद्दा कोई साधारण प्राणी नहीं — यह राजनीति की चुहिया है, जिसे वक्त आने पर पिंजरे से निकालकर भीड़ में छोड़ दिया जाता है। झूठे… Spread the love
कंजूस मक्खीचूस-हास्य व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' November 10, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments कंजूस लोग धन को संग्रह करते हैं, उपभोग नहीं। मगर यह भी कहना होगा कि ये लुटेरों और सूदखोरों से फिर भी भले हैं—क्योंकि कम… Spread the love
कुट्टू पार्टी-हास्य व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' October 6, 2025 हास्य रचनाएं 0 Comments कुट्टू पार्टी”—व्रत की भूख और श्रद्धा का स्वादिष्ट संगम। यह कोई ‘किटी पार्टी’ नहीं, बल्कि सेंधा नमक और फलाहार के बीच पनपी भारतीय संस्कृति की… Spread the love
दिल का मामला है-हास्य व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' October 1, 2025 हास्य रचनाएं 0 Comments “दिल का मामला है जी – एक दिन में कहाँ सिमट पाता है! वैलेंटाइन डे ने तो पूरे सात दिन का सरकारी-सा कार्यक्रम बना दिया… Spread the love
लिख के ले लो यार ..हास्य व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' July 4, 2025 व्यंग रचनाएं 2 Comments हर मोहल्ले में एक ‘भविष्यवक्ता अंकल’ होते हैं—जो हर शुभ कार्य में अमंगल ढूँढने को व्याकुल रहते हैं। उनकी ज़ुबान पर एक ही ब्रह्मवाक्य रहता… Spread the love