मरने की फुर्सत नहीं -व्यंग रचना

डॉ मुकेश 'असीमित' May 13, 2024 Blogs 0

इस लेख में, एक निजी चिकित्सक का व्यंग्यात्मक चित्रण किया गया है जो अपने पेशेवर जीवन में उतने सफल नहीं हैं जितना समाज से उम्मीद की जाती है। वह अपने डेस्कटॉप पर बैठकर सोशल मीडिया चलाने, लेखन करने और डिजिटल कला में अपनी रचनात्मकता को प्रदर्शित करने जैसे कार्यों में व्यस्त रहते हैं, जबकि उनकी पत्नी उन्हें हॉस्पिटल पर अधिक ध्यान देने के लिए ताने मारती हैं। उनकी जीवनशैली और कार्यशैली से उनके स्टाफ को भी अपने शौक पूरे करने का समय मिल जाता है, जिससे हॉस्पिटल में उनकी ड्यूटी एक पार्ट टाइम जॉब की तरह बन जाती है। डॉक्टर साहब अपने कार्यकाल के दौरान खाली समय में लोगों के तंजों का सामना करते हैं और समाज उन्हें एक निष्क्रिय व्यक्ति के रूप में देखता है | यह आलेख समाज में डॉक्टरों के प्रति रूढ़िवादी उम्मीदों और वास्तविकता के बीच के अंतर को दर्शाता है।