बाढ़ में डूबकर भी कैसे तरें-हास्य व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' July 15, 2025 व्यंग रचनाएं 6 Comments बाढ़ आई नहीं कि सरकारी महकमें ‘आपदा प्रबंधन’ में ऐसे सक्रिय हो गए जैसे ‘मनौती’ पूरी हो गई हो। नदी उफनी नहीं कि पोस्टर लग… Spread the love
देव सो रहे हैं और आम आदमी पिट रहा है….? व्यंग्य Sunil Jain Rahee July 8, 2025 व्यंग रचनाएं 5 Comments जब देव सोते हैं तो देश की नींव भी ऊंघने लगती है। जनता, बाबू, साहब और चपरासी सब अपनी-अपनी तरह से नींद का महिमामंडन करते… Spread the love