गोवर्धन पूजा — धरती, धारण और धारणा का उत्सव

डॉ मुकेश 'असीमित' Oct 21, 2025 Important days 0

गोवर्धन लीला केवल एक पौराणिक प्रसंग नहीं, बल्कि मानव चेतना की यात्रा है—जहाँ कृष्ण भक्त के रक्षक, गुरु और प्रेमस्वरूप हैं। इंद्र का गर्व, ब्रजवासियों की श्रद्धा और गिरिराज का सहारा—ये सब मिलकर बताते हैं कि ईश्वर हमें संकट से नहीं, अहंकार से मुक्त करते हैं। यह कथा सामूहिक शरणागति, भक्ति की सरलता और धर्म के जीवंत दर्शन का उत्सव है—जहाँ पर्वत केवल पत्थर नहीं, बल्कि करुणा का प्रतीक बन जाता है।

“महारास: राधा–कृष्ण की लीलाओं में कवियों का अमर रस”

डॉ मुकेश 'असीमित' Aug 29, 2025 Art and Craft 4

गणेश झांकी में महारास का आयोजन बचपन की रासलीला की याद दिला गया। परंपरागत पदावली और छंदों की जगह आज डीजे और पैरोडी ने ले ली है। सोचिए—यदि रसखान, नंददास, कुम्भनदास और घनानंद के पद फिर मंचित हों, तो कैसा दिव्य वातावरण बनेगा। इन कवियों ने भक्ति, प्रेम, श्रृंगार और विरह के रंगों से रासलीला को अमर और अनंत माधुरी का अनुभव बना दिया है।