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व्यंग्य चिंतन में मुंगेरीलाल

एक आम आदमी चप्पल पहने, सपनों की दुनिया में रंगीन चश्मा लगाए खुले आसमान की ओर देख रहा है, पीछे हल्का धुंधला बैकग्राउंड है जिसमें महल, रॉकेट, संसद और भारत माता की छवि बसी हुई है। वह अकेला किंतु संतुष्ट दिखाई देता है, मानो अपने सपनों में मगन हो।

व्यंग्य चिंतन में मुंगेरीलाल रंगीन दिखती संगीन दुनिया में आम आदमी द्वारा हसीन सपने देखना वाकई है कमाल। फिर भी पाखंडी जमाने की नजरों में इसके लिए हास्यास्पद है मुंगेरीलाल!माना कि हर वक्त मुंगेरीलाल मोड में रहना सही नहीं है।किंतु भीतर झांक कर देखें,थोड़ा बहुत मुंगेरीलाल कौन नहीं है!वैसे भी वर्तमान में महा महत्वाकांक्षाओं का ऐसा पगलाया हुआ दौर है।कि कभी-कभी मुंगेरीलाल होने का मजा ही कुछ और है!बेशक यह सच है कि शायद ही मुंगेरीलाल कोई सुनहरा इतिहास रचा पाएगा।किंतु मुंगेरीलाल होने के क्या फायदे हैं! क्या कायदे हैं!यह कोई पक्का मुंगेरीलाल ही बता पाएगा! मुंगेरीलाल वक्त का तकाजा है।समय की जरूरत है। मुंगेरीलाल से कुछ-कुछ मिलती-जुलती सभी की सूरत है!गौर करें तो मुंगेरीलाल एक बहाना है।जिसके सहारे लोगों को अपनी मानसिक आवश्यकता अनुसार भाव-लोक में जाना है! चतुर चालाक तिकड़मी दुनिया में सीधे-साधे आदमी के लिए मुंगेरीलाल होना सुखद काल्पनिक वसीयत है। मुंगेरीलाल कठोर जमाने की कोमल हकीकत है।और ले पाएं तो बड़े काम की नसीहत है! कुछ कुटिल,क्रूर तो कुछ महा विद्वान,जहीन होते हैं।

अलबत्ता सारे मुंगेरी लालों के सपने हसीन होते हैं!बहुत समृद्ध है,विशाल है उसके सुनहरे सपनों का बही-खाता।पर नेता की तरह मुंगरीलाल जनता को अपने सपने बेचने नहीं जाता!सिद्ध-संत अपनी प्रसिद्धि नहीं चाहता है।मुंगेरीलाल भी बिल्कुल यही चाहता है!समाज में ऐसे साधु संतों का बड़ा नाम है।किंतु इसी गुण के बावजूद मुंगेरीलाल या तो गुमनाम है या फिर बदनाम है!दोहरे मानदंड भारी शातिर दुनिया का यह मासूम अंजाम है। हानिरहित,राहत-दायक मुंगेरीलाल-चिंतन गुप्त मुंगेरी लालों द्वारा ही बदनाम है! ऐसे तत्व मुखर होकर मुंगेरीलाल का मजाक उड़ाते हैं।किंतु खुद बिना नींद के जीते-जागते सपने में बढ़-चढ़कर मुंगेरीलाल हो जाते हैं! मान कि मुंगेरी लालों ने कहीं कोई खास झंडा नहीं गाड़ा है।किंतु उन्होंने गद्दारों की तुलना में भला देश का क्या कुछ बिगड़ा है!भले ही बचकाना है,दिमागी तौर पर कच्चा है।लेकिन देश के दुश्मनों का दलाल होने की तुलना में मुंगेरीलाल होना बहुत अच्छा है! बेशक देशभक्त क्रांतिकारियों ने आजादी का सपना साकार कर लोकतंत्र के मजबूत सांचे में ढाला है।किंतु देश की स्वतंत्रता की सुरक्षा और खुशहाली का सपना मुंगेरीलालों ने भी शिद्दत से पाला है!देश के सर्वांगीण विकास के सपने मुंगेरीलाल भी देख रहे हैं। और भारत माता के कर्मवीर सपूत उन्हें साकार कर रहे हैं! यही हमारे महान भारत की शान है। सच हो रहे राष्ट्रहित के हर सपने में मुंगरी लालों के अरमानों की भी जान है! इस लिहाज से देखें तो मुंगेरीलाल देश पर बड़े मेहरबान हैं!

– प्रहलाद श्रीमाली

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