आउल जी को भेंट-हास्य व्यंग्य कविता Ram Kumar Joshi October 4, 2025 हिंदी कविता 2 Comments सूरत की राजनीति में खानदानी गुरुर ने ऐसा पेंच फँसाया कि ‘बाई’ की जगह ‘राड’ निकल गया। जनसभाओं में गुणगान करते-करते सीट हाथ से निकल… Spread the love
कवि सम्मेलन की रिपोर्ट Ram Kumar Joshi September 28, 2025 हिंदी कविता 0 Comments कवि सम्मेलन की भव्य सजावट, मंच पर कवि और हजारों दर्शक—लेकिन कविता की जगह मसखरी और चुटकुले। थैलियों में नोट और कवियों का ठाठ, राष्ट्रकवियों… Spread the love
मोगली आज़म -लघु नाटिका Ram Kumar Joshi September 12, 2025 हास्य रचनाएं 0 Comments मोगली सल्तनत का दरबार दो सदियों के बीच झूला झूलता है—एक ओर शाही खंजर, सुराही, घूंघरू; दूसरी ओर जींस, बीयर, पिज़्ज़ा और जिम। बादशाह की… Spread the love
खर्राटा संगीत-हास्य कविता Ram Kumar Joshi September 5, 2025 हिंदी कविता 1 Comment डा. राम कुमार जोशी की यह हास्य-व्यंग्य रचना “खर्राटा संगीत” वैवाहिक जीवन की हल्की-फुल्की खटास-मीठास को चुटीले अंदाज़ में पेश करती है। इसमें पत्नी के… Spread the love
लेट यानि लेटा हुआ-हास्य व्यंग्य रचना Ram Kumar Joshi September 3, 2025 हास्य रचनाएं 2 Comments During a saint’s sermon on life’s impermanence, a villager asked the meaning of “Late” written before names after death. His friend explained—Englishmen are buried, so… Spread the love
डूबने की फिलासफी-छंद रचना Ram Kumar Joshi August 26, 2025 Hindi poems 6 Comments डॉ. राम कुमार जोशी की कविता डूबने की फिलॉसफी जीवन के गहन व्यंग्य को सरल शब्दों में उभारती है। जीवित व्यक्ति काम-क्रोध-अभिमान के भार से… Spread the love
चाय ,दाल और बीबी-हास्य व्यंग्य रचना Ram Kumar Joshi August 25, 2025 हास्य रचनाएं 0 Comments चाय, दाल और बीबी—तीनों का स्वभाव है उबलना और देर तक उबलना। ठीक से न उबले तो न स्वाद, न खुशबू और न कड़कपन। चाय… Spread the love