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Category: हास्य रचनाएं

एक व्यंग्यात्मक कार्टून रेखाचित्र: खाट पर लेटा हुआ मोटा-सा आदमी पेट बाहर निकला हुआ, कम्बल ओढ़े मुस्कुराता हुआ। बगल में चश्मा पहने बब्बन चाचा खड़े हैं, हाथ में लाठी लेकर उसे डाँटते हुए—“कुछ काम करो!”। दीवार पर लिखा है: “आराम ही धर्म है”.

आराम करो –आराम में ही राम बसा है-हास्य-व्यंग्य

भागम-भाग की ज़िंदगी का असली गणित है—भाग को भाग दो, और उत्तर आएगा ‘आराम’। खाट पर लेटना, कम्बल में दुनिया की फिक्र लपेटना ही असली…

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"कार्टून रेखाचित्र जिसमें एक ऊंघता हुआ चपरासी ऑफिस गेट पर बैठा है, हाथ में बोर्ड पकड़े—‘साहब अवकाश पर हैं’। पास में ताला लगा दरवाज़ा और दीवार पर छुट्टियों से भरा कैलेंडर, साथ ही अफ़सर का चित्र जिसमें वह आरामकुर्सी पर बैठा चाय पीते हुए स्विट्ज़रलैंड की वादियों का सपना देख रहा है।"

अफ़सर अवकाश पर है-हास्य-व्यंग्य रचना

सरकारी दफ़्तरों की असलियत पर यह व्यंग्य कटाक्ष करता है—जहाँ अफ़सर तनख़्वाह तो छुट्टियों की लेते हैं, पर काम के नाम पर बहानेबाज़ी ही उनका…

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कार्टून में कोने में धूल खाती ट्रेडमिल, जिस पर कपड़े टंगे हैं और बच्चे उस पर खेल रहे हैं, सामने पेट सहलाता मालिक खड़ा है।

ट्रेडमिल : घर आया मेहमान-हास्य व्यंग्य रचना

ट्रेडमिल बड़े जोश से घर आया, पर महीने भर में कपड़े सुखाने का स्टैंड बन गया। जैकेट, साड़ियाँ, खिलौने सब उस पर लटकने लगे। वज़न…

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एक संकरे किराए के कमरे में बैठा एक युवक किताब लिए चिंतित मुद्रा में है, पीछे दीवार पर छिलकी पड़ी है, पास में एक बाल्टी, आधा जला बल्ब, और बाहर भैंस बंधी हुई दिख रही है — मकान मालिक बालकनी से उसे घूर रहा है।

किराएदार की व्यथा: एक हास्य-व्यंग्य रचना

इस रचना में किराएदार की ज़िंदगी की उन अनकही व्यथाओं को हास्य और व्यंग्य के लहज़े में उजागर किया गया है, जिन्हें हम सभी कभी…

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