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Category: हिंदी लेख

कार्टून कैरिकेचर (16:9): श्राद्ध-पक्ष का आँगन। पत्तल पर खीर रखी है, पास में परिवार तर्पण करता दिख रहा है। ससुराल की मुंडेर पर सूट-बूट पहना “जमाई” कौवे की मुद्रा में कांव-कांव करता बैठा है। एक तरफ अब्दुल चाचा पिंजरे में दो कौवे लिए “कांव सेवा ₹101” का बोर्ड पकड़े नोट गिन रहे हैं। दृश्य व्यंग्य, चमकीले फ्लैट रंग, मोटी आउटलाइन।

जमाई राजा—कलियुग के कौवे 

श्राद्ध पक्ष में कौवों की कमी ने परम्पराओं को भी स्टार्टअप बना दिया। अब्दुल चाचा दो कौवे पालकर खीर चखवाने का 101 रुपये वाला ‘डिलीवरी…

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minimal, iconic, flat-vector book cover (aspect ratio 2:3) titled “मोगली आज़म” by डा राम कुमार

मोगली आज़म -लघु नाटिका

मोगली सल्तनत का दरबार दो सदियों के बीच झूला झूलता है—एक ओर शाही खंजर, सुराही, घूंघरू; दूसरी ओर जींस, बीयर, पिज़्ज़ा और जिम। बादशाह की…

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A satirical line-art cartoon of an Indian paan shop, with walls stained red by spit, people from all walks of life—leaders, poets, and locals—chewing paan while gossiping, symbolizing how paan defines culture, politics, and social life.

पान-दर्शन शास्त्र-हास्य व्यंग्य रचना

पान हमारी सभ्यता का ऐसा रस है जिसने गली-कूचों को संसद बना दिया। दीवारों पर मुफ्त “पीक आर्ट,” नेताओं के वादों में कत्था-चूना और जनता…

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Quantum monk juggling waves, particles, holy texts

क्वांटम फिजिक्स और अध्यात्म: जब ‘वेव’ वेदांत से हाथ मिलाती है

When Vedanta shakes hands with Quantum, the monk smiles: “Wave or particle?—depends on who’s watching.” A saffron-clad thinker juggles photons and sine-waves like circus toys,…

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A satirical black-and-white cartoon caricature showing the Sun as a muscular boss with sunglasses, the Earth as a worried but balanced homemaker, and the Moon as a cheeky child pulling funny faces. They are compared in size with measuring tape, while Rahu sneaks in to cause an eclipse.

तीनों खगोलीय पिंडों की त्रिमूर्ति : पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य की खगोलीय लीलाएं

सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण सिर्फ़ खगोल नहीं, बल्कि खगोलीय कॉमेडी भी हैं। सूर्य बॉस की तरह, पृथ्वी मैनेजरनी और चंद्रमा नखरेबाज़ कवि की तरह बर्ताव करता…

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“कार्टून छवि में बुफ़े प्लेट के कोने में सहमा हुआ छोटा कटोरा रायता, हाथ जोड़कर दया की प्रार्थना करता हुआ, चारों ओर व्यंजन शान से सजे और लोग उदासीनता से गुजरते।”

रायता पुराण : रायता फ़ैल गया

“रायतपुराण” भोजन-संस्कृति का हास्य-व्यंग्यात्मक आख्यान है। सागर-मंथन से जन्मा यह दधि-व्यंजन कभी पंगत का गौरव था, तो आज बुफ़े की प्लेट के कोने में सहमा…

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"व्यंग्यात्मक कार्टून – पिता हाथ में मोटी डिक्शनरी लिए उलझन में, बेटा मोबाइल पर तेज़ी से टाइप करता हुआ। चारों ओर ‘LOL’, ‘ROFL’, ‘BRB’, ‘IDK’ और इमोजी तैरते हुए, पिता के दिमाग़ में बिरयानी का ख्याल, जबकि बेटा डिजिटल हंसी में डूबा।"

क्या पापा – लोल – “लोल हो गया संवाद”

डिजिटल युग की हंसी अब मुँह से नहीं, मोबाइल से निकलती है। पिता ‘LOL’ सुनकर असली हंसी देखना चाहते हैं, जबकि बेटा ‘BRB’, ‘ROFL’, ‘IDK’…

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Minimalist abstract art showing a dissolving crown, a monk’s saffron staff, and a rising lotus encircled by Sanskrit words—Shringar, Neeti, Vairagya—representing Raja Bharthari’s life journey.

राजा भर्तृहरि : श्रृंगार से वैराग्य तक की जीवनयात्रा

कभी मुकुट और महल के स्वामी रहे भर्तृहरि, अंततः साधु की लाठी और तप की गहनता में लीन हो गए। उनकी कथा सिखाती है—श्रृंगार मोहक…

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A humorous caricature of India’s evolving walls—scribbled childhood chalk drawings, political posters, advertisements, pan stains, and finally transforming into a giant Facebook wall full of posts and memes, symbolizing how expression migrated from real walls to digital ones.

दीवारों का कैनवास और-दीवारें फिर बोल उठी -हास्य व्यंग्य रचना

“दीवारों का कैनवास और-दीवारें फिर बोल उठी  बचपन में ले चलता हूँ… क्या करूँ, सारी मीठी यादें तो बचपन के पिटारे में ही रह गईं।…

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