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Category: हास्य रचनाएं

“कार्टून चित्र जिसमें एक युवा इमोजी और संक्षिप्त चैट शब्दों (‘LOL’, ‘BRB’, ‘TTYL’) से घिरा मोबाइल चला रहा है, और पास ही एक बुज़ुर्ग व्यक्ति हैरान होकर उस चैट को देख रहा है — दो पीढ़ियों के बीच भाषा की खाई का व्यंग्यात्मक चित्रण।”

जीनीयस जनरेशन की ‘लोल’ भाषा

“जेन ज़ी की ‘लोल भाषा’ ने व्याकरण के सिंहासन को हिला दिया है। अब भाषा नहीं, भावना प्राथमिक है। अक्षरों का वजन घट रहा है,…

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एक कार्टून चित्र जिसमें एक उल्लू सोने की परात थामे अमीरों के महलों की LED रोशनी में उड़ता हुआ दिख रहा है, नीचे एक आम आदमी खाली वॉलेट लिए दीये के पास बैठा है। दृश्य में दिवाली की रोशनी, पर व्यंग्य का अंधकार झलक रहा है।

जा तू धन को तरसे — एक व्यंग्यात्मक धनतेरस कथा

धनतेरस के शुभ अवसर पर जब जेबें खाली हैं और बाज़ार भरा पड़ा है, तब लेखक हंसी और व्यंग्य से पूछता है — “धनतेरस किसके…

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कार्टून चित्र में एक व्यंग्यात्मक दृश्य: मंच पर नेता लोग बयानों के बम फोड़ रहे हैं, न्यायाधीश आत्मावलोकन का दीप जलाए बैठे हैं, और नागरिक कानों में रुई डालकर प्रदूषण से बच रहे हैं। ऊपर पटाखों की जगह “लोकतंत्र ज़िंदाबाद” और “सेवा का उजाला” लिखे बैनर लहराते हैं।

शुभ लाभ-फटूकड़ियां – 2025

दीपावली की यह व्यंग्यात्मक ‘फटूकड़ियां 2025’ केवल रोशनी का उत्सव नहीं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र, राजनीति, न्याय और समाज की मानसिकता पर तीखा हास्य है। लेखक…

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ग्राम्य यादों का कोलाज: बच्चे मिट्टी में खेलते, तालाब में तैरते, थैलों में बाजरे-ज्वार के खेत, आँगन में खाट पर बैठे चाँद-तारों से बातें करते लोग; दादी हाथ में चटाई लेकर चिड़ियों की कहानी सुना रही है; बैकग्राउंड में खादी टोपी, पारम्परिक स्नैक्स और बाग़ की हरियाली — सेफ़िया-नॉस्टैल्जिया, प्रकृति-कनेक्शन और ग्रामीण जीवन की गर्माहट का दृश्य।

हम उस ज़माने के थे -हास्य व्यंग्य रचना

“हम उस ज़माने के थे — जब ‘फ्री डिलीवरी’ मतलब रामदीन काका के बाग़ के अमरूद थे।” “खेतों की हवा, खाट पर रातें और दादी…

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संसद में उड़ता हुआ जूता, मंत्री के भाषण के दौरान मीडिया कैमरे से कवर करते हुए — व्यंग्यात्मक कार्टून दृश्य।

जूता पुराण : शो-टाइम से शू-टाइम तक

इन दिनों जूते बोल रहे हैं — संसद से लेकर सेमिनार तक, हर मंच पर चप्पलें संवाद कर रही हैं। कभी प्रेमचंद के फटे जूतों…

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“मध्यमवर्गीय शादी में ‘शोभा’ के नाम पर पंडाल, डीजे और ड्रोन कैमरा के बीच नाचते रिश्तेदारों का व्यंग्य चित्र।”

मध्यमवर्गीय शादियाँ : परंपरा, शोभा और तकनीक का तड़का

हमारे इलाक़े की मध्यमवर्गीय शादियाँ किसी भूले-बिसरे लोकगीत के रीमिक्स जैसी होती हैं — धुन परंपरा की, बोल नए ज़माने के। रिश्ता तय होने की…

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A humorous caricature of Indian women enjoying a “Kuttu Party” during fasting, sharing kuttu-based food while Brahma Ji watches from the clouds holding a bowl of flour, symbolizing a satirical take on religious fasting traditions.

कुट्टू पार्टी-हास्य व्यंग्य रचना

कुट्टू पार्टी”—व्रत की भूख और श्रद्धा का स्वादिष्ट संगम। यह कोई ‘किटी पार्टी’ नहीं, बल्कि सेंधा नमक और फलाहार के बीच पनपी भारतीय संस्कृति की…

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"हास्यप्रद कार्टून कैरिकेचर जिसमें एक मिडिल क्लास आदमी पन्नी चढ़ा टीवी रिमोट पकड़े बैठा है, फ्रिज में एवोकाडो रखा है, दीवार पर दूध का हिसाब वाला कैलेंडर टंगा है और बिस्तर पर मोटी इंग्लिश किताब रखी है। व्यंग्यपूर्ण माहौल।"

अमीर दिखने का विज्ञान-हास्य व्यंग्य रचना

अमीर दिखना अब कोई मुश्किल नहीं, बस सही नुस्ख़े चाहिए। घर की सफ़ाई से लेकर कॉफी कप, फ्रिज के एवोकाडो और कॉलर वाले नाइट सूट…

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