Chinta -चिंता हिंदी कविता-रचियता-महादेव प्रेमी

 चिंता की एक बहुत ही उपयुक्चित व्याख्या विकिपीडिया से ली गयी है
“एक भविष्य उन्मुख मनोदशा है, जिसमें एक व्यक्ति आगामी नकारात्मक घटनाओं का सामना करने का प्रयास करने के लिये इच्छुक या तैयार होता है जो कि यह सुझाव देता है कि भविष्य बनाम उपस्थित खतरों के बीच एक अंतर है जो भय और चिन्ता को विभाजित करता है। चिंता को तनाव की एक सामान्य प्रतिक्रिया माना जाता है। यह किसी व्यक्ति कि किसी मुश्किल स्थिति, काम पर या स्कूल में किसी को इससे निपटने के लिए उत्साहित करने पर, से निपटने में मदद कर सकती है। अधिक चिंता करने पर, व्यक्ति दुष्चिन्ता विकार का शिकार हो सकता है।
लेखक महादेव् प्रेमी जी अपनी अतुकांत कविता शीर्षक “चिंता ” के द्वारा इस पर विशेष प्रकाश डाल रहे है

‘चिंता’

चिंता इतनी ही करो ,
कि काम हो जाय,


इतनी भी ना करना,
कि जिंदगी तमाम हो जाय,

दु:ख का असली कारण,
कभी महसूस नहीं होता,
क्योंकि खुद की गलती का,
कभी एहसास नहीं होता।

Mahadev Prashad Premi

साहित्यिक नाम-महादेव प्रेमी जन्म स्थान-ग्राम परीता स्थाई पता- संजय कालोनी…

साहित्यिक नाम-महादेव प्रेमी जन्म स्थान-ग्राम परीता स्थाई पता- संजय कालोनी गर्ग होस्पीटल गंगापुर सिटी ,स0 मा0 (राज0)322201 मोबाईल 9667627720 संप्रति:चिकित्सा कर्मी कार्य क्षेत्र:चिकित्सा कार्य लेखन विधा-गजल,गीत,कविता और पहेली लेखन आदि प्रकाशन:(1)”बूझोबल” पहेली संग्रह प्राप्त सम्मान:कई सामाजिक व साहित्यिक सम्मान प्राप्त लेखनी उद्देश:सामाजिक विसंगतियों पर लिखना प्रेरणा पुञ्ज:स्वयम एवम अन्य लेखक रुचियां: साहित्य लेखन/अध्यापन

Comments ( 1)

Join the conversation and share your thoughts

नाजिम वाला तालाब देसी पक्षियों की भी बना हुआ है शरण स्थली -wire Tailed Swallow-Dr Mukesh Garg - Baat Apne Desh Ki

4 years ago

[…] Chinta -चिंता हिंदी कविता-रचियता-महादेव प्… […]