Login    |    Register
Menu Close

रिश्ते -कविता हिंदी रचियता महादेव प्रेमी Hindi Poem Rishte

एक टूटा हुआ दिल, उसके पीछे धुंधले चेहरों की परछाइयाँ — जो लालच और स्वार्थ के प्रतीक स्वरूप बिखरे हैं।

लोभ और स्वारथ वश लोग,
रिस्ते नाते तोड लेते हैं,


अंत में परिणाम को पाकर,
पछता भी लेते हैं

मिट्टी का वर्तन,
और परिवार जोडने की कीमत ,

वो ही समझते हैं,
तोडने वाले तो तोडा ही करते हैं ।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *