खानदाने गुरुर में
पेंच ऐसा फंस गया
बाई कहना था जहां
राड मुंहसे निकल गया ।
गुजरात के सूरत में ऐसा
गुणगान भैया कर गये
कि मोदियों का नाम लेते
सीट अपनी लुटा गये।
मिचमिचाना आंख का
लोक सदन को चुभ गया
खानदानी सीट से
झटका गजब का लग गया।
दुकानें मोहब्बत जो खोली
कई जनाने गले लगा
टूट गये कुछ घर बिचारे
हाय देवा हमें बचा।

डा राम कुमार जोशी
बाड़मेर
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thabks