स्मरणों की सरिता में एक दिन – लायंस क्लब सार्थक का अविस्मरणीय यात्रा-वृत्तांत डॉ मुकेश 'असीमित' July 22, 2025 Travel 1 Comment लायंस क्लब सार्थक की ‘सीता माता धाम’ वन-विहार यात्रा केवल एक पिकनिक नहीं, बल्कि एक जीवन्त अनुभव था—हास्य, रोमांच, संग-साथ और जलविहार से भरपूर। झरने… Spread the love
हरियाली और विकास : क्या दोनों एक साथ संभव हैं?-समसामयिक लेख Poonam Chaturvedi July 21, 2025 समसामयिकी 0 Comments भारत में हरियाली और विकास की बहस पुरानी है। अक्सर आर्थिक तरक्की के नाम पर पर्यावरण की अनदेखी होती रही है। पर यह टकराव अनिवार्य… Spread the love
कामयाबी के पदचिन्ह-व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' July 21, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments हर कोई अपने पदचिन्ह छोड़ जाना चाहता है, लेकिन अब ये निशान कदमों से नहीं, जूतों से पहचाने जाते हैं। महापुरुषों के घिसे जूतों में… Spread the love
Smiles Amid Thorns — Cherished Memories of ‘Van Vihar’ डॉ मुकेश 'असीमित' July 20, 2025 News and Events 0 Comments Lions Club Sarthak organized a joyful Van Vihar picnic at Seeta Mata Temple, Sawai Madhopur, during the monsoon season. Over 50 members with families joined… Spread the love
खुदा ही खुदा है-हास्य व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' July 20, 2025 व्यंग रचनाएं 2 Comments गड्डापुर शहर में विकास की परिभाषा गड्ढों से तय होती है। यहाँ खुदाई केवल निर्माण कार्य नहीं, आस्था, राजनीति और प्रशासन की साझा विरासत है।… Spread the love
स्मृतियों की छाँव में माँ-संस्मरण डॉ मुकेश 'असीमित' July 19, 2025 संस्मरण 1 Comment ChatGPT said: “स्मृतियों की छाँव में माँ” एक फेसबुक पोस्ट ने माँ की ममता से भरे बचपन की स्मृतियाँ फिर से जगा दीं। वो सुबह-सुबह… Spread the love
आश्वासन की खेती-व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' July 18, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments लोकतंत्र आश्वासनों पर टिका है, जहाँ हर पार्टी का घोषणा-पत्र वादों का कठपुतली शो होता है। जनता वोट रूपी टिकट से यह खेल देखती है,… Spread the love
The Bachelor Son, the Miserable Father डॉ मुकेश 'असीमित' July 17, 2025 Satire 0 Comments In this satirical slice of clinic life, a doctor recounts the visit of an old acquaintance who barges in unannounced—not for treatment, but for tea,… Spread the love
हिंदी प्रयोग, सहयोग, विरोध और गतिरोध-कविता Dr Shailesh Shukla July 17, 2025 हिंदी कविता 1 Comment यह कविता हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा मिलने के बावजूद उसके व्यावहारिक उपयोग में आने वाली चुनौतियों और उपेक्षा को दर्शाती है। यह बताती… Spread the love
किराएदार की व्यथा: एक हास्य-व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' July 16, 2025 हास्य रचनाएं 0 Comments इस रचना में किराएदार की ज़िंदगी की उन अनकही व्यथाओं को हास्य और व्यंग्य के लहज़े में उजागर किया गया है, जिन्हें हम सभी कभी… Spread the love