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chuglee ghutee

चुगली घुट्टी –आओ चुगली करें – व्यंग रचना

चुगली घुट्टी –आओ चुगली करें – व्यंग रचना आज हम बात करेंगे एक बहुत ही दिलचस्प शब्द जिसे सुनकर आपका दिल गुदगुदा जाएगा – “चुगली”।…

Antardwand -poem

अंतर्द्वंद -कविता रचना -डॉ मुकेश

अंतर्द्वंद का यह संसार, मन के विराट आकाश में,  जहाँ चिंतन की गहराइयों में बसती है एक अनकही पीड़ा।  मनुष्य की अनगिनत अपेक्षाएँ, समाज के…

तेरा दुःख तेरा ही होगा-कविता रचना-डॉ मुकेश गर्ग

“तेरा दुःख तेरा ही होगा “इस कविता के माध्यम से, यथार्थ को अपनाने और स्वयं के साथ खड़े होने की प्रेरणा देने का प्रयास किया…

ahsaas kavita

अहसास कविता-रचनाकार डॉ मुकेश गर्ग

अहसास की इस विस्तृत वादी में, जहाँ कण कण में सुकून का सागर छिपा है,वहाँ एक परिंदा, अपने अस्तित्व की छाया में, स्वच्छंद उड़ान भरना…

नरेन्द्र मोदी का निर्माण – चायवाला से चौकीदार तक-लेखक डॉ मुकेश गर्ग

परिचय: इसके बाद के पन्नों में, आपको नरेंद्र मोदी के जीवन की विलक्षण यात्रा के माध्यम से एक अन्वेषण पर ले जाने का आमंत्रण देता…

grey anatomy vs chourasiya mahajavya

ग्रेस एनाटोमी बनाम चौरसिया महाकाव्य- एस एम् एस मेडिकल कॉलेज के प्रथम वर्ष के संस्मरण

SMS मेडिकल कॉलेज के प्रथम वर्ष की स्मृतियाँ ,हम ग्रामीण परिवेश से आए हिंदी भाषियों के लिए कुछ ज्यादा खट्टे-मीठे अनुभव लिए होती हैं। एक…

शिव समाधि हैं, शक्ति संचलन। एक निःशब्द ऊर्जा, दूसरी जीवंत स्पंदन। जब दोनों मिलते हैं, तब ब्रह्मांड बोल पड़ता है—सृष्टि का रहस्य, शिव-शक्ति की अद्वितीयता में छिपा है। यही जीवन की शाश्वत अभिव्यक्ति है।

शिव और शक्ति: एकत्व का परिवेश-कविता रचना -डॉ मुकेश

शिव समाधि हैं, शक्ति संचलन। एक निःशब्द ऊर्जा, दूसरी जीवंत स्पंदन। जब दोनों मिलते हैं, तब ब्रह्मांड बोल पड़ता है—सृष्टि का रहस्य, शिव-शक्ति की अद्वितीयता…

मेरे बाप की सड़क है -एक व्यंग रचना

मेरे अस्पताल में एक न्यूरोलॉजिस्ट के मासिक परामर्श के लिए अनुबंध करने हेतु दूरभाष पर बातचीत हो रही थी था। फोन पर बातचीत के दौरान,…

maha shiv ratri

“महादेव के चरणों में एक अर्पण: महाशिवरात्रि की पावन वेला की शुभकामनाएं “

सभी शिवभक्तों को महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर असीम शुभकामनाएँ। इस शुभ घड़ी में, मैं आपके समक्ष एक सहज रूप से रचित काव्य प्रस्तुति, जो…

गाँव के नामकरण संस्कार की प्रक्रिया -एक व्यंग रचना

आज के उल्लासपूर्ण युग में, जहां हर चीज की एक विशेष उद्योग विकसित हो चुकी है, वहां नामकरण संस्कार भी इस दौड़ में पीछे नहीं…