रोशनी ख़ुशबू की -गजल

Kishan Tiwari Sep 5, 2025 गजल 0

किशन तिवारी 'भोपाल' की यह ग़ज़ल जीवन की पीड़ा, संघर्ष और रिश्तों की विडंबना का गहन बयान है। इसमें मोहब्बत और विश्वास के टूटे बंधन, सच पर अडिग रहना, महफ़िल में अकेलापन और सत्ता की चुप्पी जैसे बिंब पाठक को आत्ममंथन की ओर ले जाते हैं।

मै इंसान हूं-Poem

Deepak Kumar Sep 5, 2025 हिंदी कविता 0

यह कविता "इंसान" जीवन की जटिलताओं और सुंदरता का संवेदनशील चित्रण है। इसमें इंसान की खुशियों की तलाश, दुखों से जूझने की क्षमता, प्रेम और पीड़ा का संतुलन, और निरंतर सीखने की प्रक्रिया को दर्शाया गया है। यह संदेश देती है कि कठिनाइयों के बावजूद इंसान सपनों और उम्मीदों से जीता है।

शिक्षक दिवस: राधाकृष्णन की रोशनी में आज का अँधेरा पढ़ना

डॉ मुकेश 'असीमित' Sep 5, 2025 Important days 5

शिक्षक दिवस केवल तारीख नहीं, विचार की परीक्षा है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन हमें सिखाते हैं कि शिक्षा डिग्री नहीं, चरित्र-निर्माण है; ज्ञान तभी शक्ति है जब वह सेवा बने। गुरु सीढ़ी हैं—जो हमें ऊपर ले जाती है। आज की चुनौती है सूचना के शोर में स्वतंत्र चिंतन बचाना, स्क्रीन-टाइम घटाकर मनन बढ़ाना, और ईमानदारी की छोटी प्रतिज्ञाओं से समाज में बड़ा परिवर्तन लाना—दीप से दीप जलाने की परंपरा निभाना।

कुण्डलियों की विरासत : महादेव प्रसाद ‘प्रेमी’ का संग्रह

Mahadev Prashad Premi Sep 4, 2025 Book Review 3

यह संग्रह महादेव प्रसाद ‘प्रेमी’ की कुण्डलियों का संकलन है, जिसे डॉ. मुकेश असीमित ने संपादित व प्रस्तुत किया है। इसमें प्रत्येक कुण्डली के साथ चित्रात्मक अभिव्यक्ति जोड़ी गई है। यह प्रयास लोकविधा कुण्डलिया को पुनर्जीवित करते हुए पाठकों तक उसकी लय, रस, हास्य और नीति का संपूर्ण अनुभव पहुँचाता है।

मैने सीख लिया है जीना-कविता

Vidya Dubey Sep 3, 2025 Poems 2

Life’s lessons carve resilience: smiling through pain, embracing wounds, and moving forward without complaint. This reflective piece captures the journey of learning to live with hidden sorrow, transforming agony into strength. It is about finding peace within, beyond grief and betrayal, by carrying every wound with quiet dignity.

रायता पुराण : रायता फ़ैल गया

डॉ मुकेश 'असीमित' Sep 3, 2025 व्यंग रचनाएं 2

“रायतपुराण” भोजन-संस्कृति का हास्य-व्यंग्यात्मक आख्यान है। सागर-मंथन से जन्मा यह दधि-व्यंजन कभी पंगत का गौरव था, तो आज बुफ़े की प्लेट के कोने में सहमा पड़ा है। कभी भूखे बारातियों का उद्धार करता, तो कभी फूफा के हाथों विवादों में फैलाया जाता। अब यह थालियों से निकलकर सोशल मीडिया की दीवारों पर अफ़वाहों और राजनीति का प्रतीक बन चुका है।

From Abhāv (Scarcity) to Prabhāv (Influence) – And Yet, the Heart Remains Sad

डॉ मुकेश 'असीमित' Sep 2, 2025 English-Write Ups 0

Forty years ago, happiness was cheap. A stick could be toy, antenna, and mango-harvesting tool. A single roll of cloth dressed the whole family—eventually turning into bags and mops. Doordarshan’s Ramayan was a divine weekly event, while sugar toys were both playthings and sweets. Today, despite endless gadgets and choices, smiles feel mortgaged. The old equation still rings true: fewer resources, more joy; more resources, less joy.

Free Diabetes Screening Camp by Lions Club Sarthak

डॉ मुकेश 'असीमित' Sep 2, 2025 India Story 2

Lions Club Sarthak organized its monthly free diabetes screening camp at Dr. R.K. Mehta Clinic, Jaipur Road, where 77 patients received free blood sugar and uric acid tests along with consultations. Patients called it a “great relief,” as it saved them recurring expenses. Supported by Dr. Sameer Biswas and Treasurer Lion Bhupesh Garg, the initiative continues every month on the 1st, reaching more people with free healthcare services.

क्या पापा – लोल – “लोल हो गया संवाद”

डॉ मुकेश 'असीमित' Sep 2, 2025 व्यंग रचनाएं 2

डिजिटल युग की हंसी अब मुँह से नहीं, मोबाइल से निकलती है। पिता ‘LOL’ सुनकर असली हंसी देखना चाहते हैं, जबकि बेटा ‘BRB’, ‘ROFL’, ‘IDK’ जैसे कोड में ही भावनाएँ व्यक्त कर देता है। व्यंग्य यह है कि असली संवाद खो गया है और अब हंसी भी इमोजी व शॉर्टकट पर आउटसोर्स हो गई है। यही है हमारी पीढ़ियों का नया “लाफ्टर क्लब”—ऑनलाइन!