Login    |    Register
Menu Close
एक व्यस्त डॉक्टर की ओपीडी में घुसने की कोशिश करता हुआ घमंडी पत्रकार, बाहर लाइन में खड़े मरीज, और डॉक्टर की पीठ पीछे सम्मान और डिग्रियों से सजी अलमारी।

हैप्पी डॉक्टर्स डे – व्यंग्य रचना

डॉक्टर्स डे के दिन एक पत्रकार ‘VIP एंट्री’ की जिद पर अड़ा था। डॉक्टर की शोकेस डिग्रियों से भरी थी लेकिन वह ‘चंदा देकर सम्मानित’…

Spread the love
एक लड़का रात में खिड़की से तारों को देखता हुआ, पीछे शेल्फ पर रखी ट्रॉफियों के बीच बैठा है — उसकी आँखों में प्रश्न हैं, सपने हैं।

मैं बच्चा हूँ, ट्रॉफी नहीं-कविता -डॉ मुकेश असीमित

यह कविता एक बच्चे की अंतरात्मा की पुकार है—जो केवल अपने लिए जीना चाहता है, किसी की महत्वाकांक्षा की ट्रॉफी बनकर नहीं। वह अपने सपनों…

Spread the love
त के दृश्य में बारिश के बीच एक मंच पर झींगुर नेता भाषण दे रहे हैं, उनके सामने झींगुरों की भीड़ समर्थन में नारे लगा रही है। पीछे बैनर 'झींगुर अधिकार सम्मेलन' टंगा है, माहौल व्यंग्यात्मक और हास्यपूर्ण है।

बरसात में झीगुरों की आमसभा-हास्य-व्यंग्य

बारिश की रात झींगुरों की आवाज़ को कभी ध्यान से सुनिए – वो बस टर्राहट नहीं, एक आंदोलन की गूंज है। वे मंच पर अधिकारों…

Spread the love
एक सूट पहना युवक लड़की देखने आया है, उसके चेहरे पर असमंजस है, सामने लड़की उदासी से चाय पकड़े खड़ी है। पीछे "Danger Ahead" जैसे बोर्ड हैं — दृश्य में हास्य और सामाजिक विडंबना झलकती है।

जब आप लड़की देखने जाए श्रीमान तो इन पांच बातों का रखें विशेष ध्यान

रोटी, कपड़ा, मकान के बाद अब नौकरी और छोकरी युवा की प्रमुख आवश्यकताएं बन गई हैं। लड़की देखने जाना शादी से पहले की सबसे बड़ी…

Spread the love
"एक बच्चे द्वारा कचरा पात्र में केले का छिलका डालते हुए, पास में ईमानदार नौकरानी, सैनिक की पत्नी बुज़ुर्ग की सेवा में, और एक डॉक्टर मानवता के शिविर की ओर दौड़ती हुई – रोज़मर्रा के साधारण कर्मों में देशभक्ति की झलक।"

क्या होती देशभक्ति?-कविता-बात-अपने-देश-की

देशभक्ति केवल नारों या गीतों में नहीं, बल्कि रोज़मर्रा के उन छोटे-छोटे कर्मों में छिपी होती है जो सादगी से, ईमानदारी से, कर्तव्य की भावना…

Spread the love
A dramatic ancient courtroom scene (Mahabharata sabha), where Draupadi stands in the center with tears in her eyes, raising her hands skyward. Her saree is being pulled by a man (Dushasana), but an endless divine cloth is being miraculously extended from above by Lord Krishna, glowing in the sky. Surrounding warriors like Bhishma, Drona, and the Pandavas sit in silence, frozen with guilt or shame. Duryodhana smirks in the background. The ambiance is emotionally intense, with divine light focused on Draupadi and Krishna’s ethereal form above.

द्रोपदी का चीर हरण -कविता-बात-अपने-देश-की

द्रोपदी की पुकार, कृष्ण की कृपा और महारथियों की चुप्पी — यह कविता महाभारत की उस घड़ी का चित्रण है जहाँ न्याय मौन हो गया,…

Spread the love
एक अकेले डॉक्टर की छाया, हाथ में सर्जरी का औजार, पृष्ठभूमि में अस्पताल की हलचल, चेहरे पर थकान और उदासी, आँखों में अनकही वेदना।

एक डॉक्टर की अंतर्वेदना-कविता-बात अपने देश की

एक डॉक्टर की आत्मा में दबी हुई करुण पुकार — जो हर दिन दूसरों के लिए जीवन की लड़ाई लड़ता है, पर खुद की वेदना…

Spread the love
जगन्नाथ रथयात्रा में सजे विशाल रथ, सुभद्रा, बलराम और जगन्नाथ की मूर्तियाँ, भक्तों की भीड़, ढोल-नगाड़ों के साथ पुनीत उत्सव का दृश्य। आकाश में लहराती ध्वजा और जामुन की लकड़ी से बनी देवमूर्ति।

“जय जगन्नाथ”-कविता-बात अपने देश की

पुरी का जगन्नाथ धाम, आस्था और अध्यात्म का अद्भुत संगम है। रथयात्रा के उत्सव में धड़कता है प्रभु का हृदय, जो भक्तों से मिलने स्वयं…

Spread the love