रिश्वत नहीं ये सुविधा शुल्क है -व्यंग रचना डॉ मुकेश 'असीमित' July 2, 2025 Blogs 1 Comment रिश्वत नहीं ये सुविधा शुल्क है -व्यंग रचना भगवत पुराण में ऐसे कई अध्याय हैं जो मौखिक रूप से ही पीढ़ी दर पीढ़ी स्थानांतरित हुए…… Spread the love
“कोचिंग की कक्षाओं में क़ैद कच्चे ख्वाब: आधुनिक शिक्षा का अक्स” डॉ मुकेश 'असीमित' July 2, 2025 Blogs 0 Comments आजकल के 99% अंक बच्चों की प्रतिभा नहीं, शिक्षा व्यवस्था की उदारता दर्शाते हैं। जहां पहले पास होना जश्न था, अब मेरिट भी बोझ है।… Spread the love
आएट्रोजेनेसिसः चिकित्सकीय हिंसा का एक पक्ष -डॉ. श्रीगोपाल काबरा Dr Shree Gopal Kabra July 1, 2025 हिंदी लेख 0 Comments चिकित्सा मानव सेवा का उत्कृष्टतम रूप माना जाता है और अपने शुद्ध और मूल रूप में है भी। लेकिन मानव शरीर पर किया गया हर… Spread the love
“वर्चुअल पूजा वाली बहुएं”-हास्य-व्यंग्य Vivek Ranjan Shreevastav July 1, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments आधुनिक भारतीय परिवारों में उभरती वर्चुअल पूजा की परंपरा को दर्शाता है, जहाँ सास और बहू तकनीक के माध्यम से पूजा में जुड़ी हैं —… Spread the love
हैप्पी डॉक्टर्स डे – व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' June 30, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments डॉक्टर्स डे के दिन एक पत्रकार ‘VIP एंट्री’ की जिद पर अड़ा था। डॉक्टर की शोकेस डिग्रियों से भरी थी लेकिन वह ‘चंदा देकर सम्मानित’… Spread the love
मैं बच्चा हूँ, ट्रॉफी नहीं-कविता -डॉ मुकेश असीमित डॉ मुकेश 'असीमित' June 30, 2025 हिंदी कविता 1 Comment यह कविता एक बच्चे की अंतरात्मा की पुकार है—जो केवल अपने लिए जीना चाहता है, किसी की महत्वाकांक्षा की ट्रॉफी बनकर नहीं। वह अपने सपनों… Spread the love
बरसात में झीगुरों की आमसभा-हास्य-व्यंग्य Pradeep Audichya June 30, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments बारिश की रात झींगुरों की आवाज़ को कभी ध्यान से सुनिए – वो बस टर्राहट नहीं, एक आंदोलन की गूंज है। वे मंच पर अधिकारों… Spread the love
जब आप लड़की देखने जाए श्रीमान तो इन पांच बातों का रखें विशेष ध्यान Mukesh Rathor June 30, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments रोटी, कपड़ा, मकान के बाद अब नौकरी और छोकरी युवा की प्रमुख आवश्यकताएं बन गई हैं। लड़की देखने जाना शादी से पहले की सबसे बड़ी… Spread the love
क्या होती देशभक्ति?-कविता-बात-अपने-देश-की Dr Mahima Shreevasav June 30, 2025 हिंदी कविता 0 Comments देशभक्ति केवल नारों या गीतों में नहीं, बल्कि रोज़मर्रा के उन छोटे-छोटे कर्मों में छिपी होती है जो सादगी से, ईमानदारी से, कर्तव्य की भावना… Spread the love
जगाते है-कविता-बात अपने देश की Sanjaya Jain June 29, 2025 Poems 0 Comments यह आत्मपरिचयात्मक कविता एक लेखक के अंतरमन की झलक देती है — जहाँ लेखनी के गुण-दोष, धनहीनता में भी मन की समृद्धि, और समाज को… Spread the love