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Tag: देशप्रेम

“अमूर्त रेखाचित्र में एक उजली धरती के रूप में भारत, जिसके केंद्र से उठती है लाल और केसरिया रंगों की श्वास-जैसी लहर — जो ‘वंदे मातरम्’ के स्वर का प्रतीक है।”

स्वाभिमान का स्वर: 150 वर्ष वंदे मातरम्

“वंदे मातरम् केवल दो शब्द नहीं, एक दीर्घ श्वास है जो इस उपमहाद्वीप की नसों में आज भी बहती है। डेढ़ सदी बाद भी यह…

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सूर्यास्त के समय घाट पर छठ मैया की आराधना करते श्रद्धालु, जल में खड़े हुए लोग अर्घ्य दे रहे हैं, पृष्ठभूमि में तिरंगा लहराता है और सूर्य की किरणें भारत के मानचित्र को आलोकित कर रही हैं।

जय छठ मैया! राष्ट्रभक्ति और प्रकृति उपासना का दिव्य पर्व

छठ पर्व केवल आस्था का उत्सव नहीं, बल्कि प्रकृति, राष्ट्र और संस्कृति के प्रति समर्पण का सामूहिक संकल्प है। यह लेख छठ मैया की भक्ति…

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एक आम आदमी चप्पल पहने, सपनों की दुनिया में रंगीन चश्मा लगाए खुले आसमान की ओर देख रहा है, पीछे हल्का धुंधला बैकग्राउंड है जिसमें महल, रॉकेट, संसद और भारत माता की छवि बसी हुई है। वह अकेला किंतु संतुष्ट दिखाई देता है, मानो अपने सपनों में मगन हो।

व्यंग्य चिंतन में मुंगेरीलाल

मुंगेरीलाल केवल एक चरित्र नहीं, हर आम आदमी की अंतरात्मा है जो कठिन यथार्थ के बीच भी सुनहरे सपने देखता है। वह न पाखंडी है,…

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भारत माता को नमन करता एक व्यक्ति, भारत के नक्शे पर खड़ी भारत माता के हाथ में तिरंगा और कमल, पृष्ठभूमि में हिमालय और समुद्र।

मातृभूमि-कविता देश भक्ति की

यहकविता मातृभूमि के प्रति श्रद्धा, बलिदान और गौरव की भावना को दर्शाती है। हिमालय से सागर तक फैली इस पुण्यभूमि को नमन करते हुए व्यक्ति…

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