कुण्डलियों की विरासत : महादेव प्रसाद ‘प्रेमी’ का संग्रह Mahadev Prashad Premi September 4, 2025 Book Review 3 Comments यह संग्रह महादेव प्रसाद ‘प्रेमी’ की कुण्डलियों का संकलन है, जिसे डॉ. मुकेश असीमित ने संपादित व प्रस्तुत किया है। इसमें प्रत्येक कुण्डली के साथ… Spread the love
रक्षा सूत्र का प्रण-कविता रचना डॉ मुकेश 'असीमित' August 9, 2025 हिंदी कविता 1 Comment रक्षा सूत्र का संकल्प सिर्फ परंपरा नहीं, यह भय के अंधेरों में जलती प्रतिज्ञा की मशाल है। नाज़ुक धागे में बंधा विश्वास, समाज की दरारों… Spread the love
मुझको मेरा मायका दे दो-कविता रचना Vidya Dubey August 5, 2025 हिंदी कविता 2 Comments यह कविता मायके की गहरी भावनात्मक यादों को समेटे हुए है। इसमें एक बेटी का अपने बचपन के आंगन, गली-चौबारे, पुराने नाम, प्यार-दुलार और पुरानी… Spread the love
साथ देना तू मेरा-शिव भजन Vidya Dubey July 28, 2025 भजन -रचनाएँ 2 Comments यह कविता एक भक्त की भोलेनाथ से की गई विनम्र प्रार्थना है। जब संसार ठुकरा देता है, तब शिव ही सहारा बनते हैं। हर श्लोक… Spread the love
आजाद गजल -क्या मिला! Prahalad Shrimali July 10, 2025 गजल 2 Comments प्रह्लाद श्रीमाली की यह रचना हास्य और कटाक्ष के माध्यम से सामाजिक व्यवहारों, ढकोसलों और राजनीतिक विडंबनाओं पर करारा व्यंग्य करती है। ‘क्या मिला?’ के… Spread the love
एक पत्थर की कहानी -कविता रचना Vidya Dubey July 7, 2025 हिंदी कविता 1 Comment विद्या पोखरियाल की यह कविता “पत्थर हूं मैं” जीवन की विसंगतियों को एक प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करती है। यह पत्थर कभी पूजित है,… Spread the love
“सिसकियों से स्वर तक”-कविता रचना Neha Jain June 26, 2025 Poems 0 Comments यह कविता स्त्री की आंतरिक वेदना से उपजे साहस की गाथा है। रुदन और मौन के बीच खड़ी वह स्त्री, जो अब हार नहीं, संकल्प… Spread the love
” चला ढूढ़ने जीवन को ” Uttam Kumar June 25, 2025 Poems 0 Comments यह कविता जीवन की उस रहस्यमय दिशा की तलाश है, जहाँ कोई पदचिन्ह नहीं और कोई उत्तर नहीं। कवि उस अज्ञात छोर की ओर देखता… Spread the love
कोई हमारे नाम के आगे भी तखल्लुस सुझाए -व्यंग रचना डॉ मुकेश 'असीमित' May 16, 2024 व्यंग रचनाएं 0 Comments ‘कोई हमारे नाम के आगे भी तखल्लुस सुझाए -व्यंग रचना’ में लेखक ने अपने लेखनी के सफर को जिस खूबसूरती से बयां किया है, वह… Spread the love
‘उठाना नहीं’ Hindi Kavita Poem अतुकांत कविता-Mahadev Premi Mahadev Prashad Premi July 24, 2021 Poems 0 Comments ‘उठाना नहीं‘ जिन्दगी का एक सीधा सा गणित याद रखो, जहाँ कदर नहीं,वहां जाना नहीं, जो पचता नहीं,उसे खाना नहीं, और जो सच वोलने पर… Spread the love