जय भारत वंदेमातरम्!वंदेमातरम्!!

Prahalad Shrimali Nov 20, 2025 Hindi poems 0

यह कविता भारत-जन के महा स्वरों की गूंज “वंदेमातरम्” से शुरू होकर राष्ट्रहित, देशभक्ति, असल–नकली देशप्रेम, मीडिया की गिरावट, आतंकी तत्वों की धूर्तता और नागरिक कर्तव्यनिष्ठा जैसे मुद्दों पर तेज़ और सीधी चोट करती है। व्यंग्य और राष्ट्रभाव का मेल इसे और प्रभावी बनाता है। यह रचना केवल भावुक नहीं—एक चेतावनी, एक संदेश और एक सख्त सामाजिक निरीक्षण भी है।

सैनिकों को सलाम-Poem-Hindi

Babita Kumawat Jul 9, 2025 Poems 8

"ये कविता मातृभूमि की रक्षा में तैनात भारत माँ के लाड़ले सैनिकों को समर्पित है। जो अपने प्राणों की आहुति देकर तिरंगे की शान को ऊँचा रखते हैं। इनका स्वाभिमान, जज़्बा और शहादत भारत के गौरव के प्रतीक हैं। राष्ट्र सदा इनकी ऋणी रहेगा।"